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6 May 2020 · 1 min read

बचपन की याद

अठखेली करना दादी संग
चलने को कहना साथ में
दादी मुझको ले चलो संग
अपने खजनी हाट में

ले लूँगा खिलौना मैं
फिर भैया को चिढाऊँगा
घोड़ा गाड़ी में दादी मैं
तुझको भी बिठाउँगा

लेकर चलूँगा तुझको
मैं उस चंदा के पास
खेलेंगे हम उनके संग
बनकर बहु और सास

खेलकूद कर फिर वापस
जब घर को हम आएंगे
घोड़ा गाड़ी और खिलौने
बोलो कहाँ छुपाएँगे

नहीं तो भैया लेकर उसको
यहाँ तोड़फोड़ मचाएंगे
परेशान करेंगे हमको वो
नहीं वापस फिर लौटायेंगे

दादी मेरी मान लो बात
मत ले जाना उनको साथ
हम दोनों ही जाएँगे
हाँथो में ले लो मेरा हाथ

✍?पंडित शैलेन्द्र शुक्ला
?writer_shukla

2 Likes · 2 Comments · 368 Views
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