Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
14 Nov 2018 · 1 min read

बचपन की यादें

अब क्यों आ रही हो ?
थोड़ा रुक भी जाओ ,
ये बचपन की यादें !
समझ नहीं आ रहा ?
सब बदल गये हैं ,
और कुछ हम भी !
तुम क्यो वैसी ही हो ?
ये बचपन की यादें !
-kashiram ahirwar
Mo. 9644962897
Bhopal mp

Language: Hindi
2 Likes · 2 Comments · 549 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
करता नहीं यह शौक तो,बर्बाद मैं नहीं होता
करता नहीं यह शौक तो,बर्बाद मैं नहीं होता
gurudeenverma198
ग़ज़ल- हूॅं अगर मैं रूह तो पैकर तुम्हीं हो...
ग़ज़ल- हूॅं अगर मैं रूह तो पैकर तुम्हीं हो...
अरविन्द राजपूत 'कल्प'
Khuch chand kisso ki shuruat ho,
Khuch chand kisso ki shuruat ho,
Sakshi Tripathi
2514.पूर्णिका
2514.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
Things to learn .
Things to learn .
Nishant prakhar
होली (विरह)
होली (विरह)
लक्ष्मी सिंह
दोहे
दोहे
Santosh Soni
मुक्तक
मुक्तक
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
गाडगे पुण्यतिथि
गाडगे पुण्यतिथि
डॉ विजय कुमार कन्नौजे
फितरत जग एक आईना
फितरत जग एक आईना
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
पुस्तकों से प्यार
पुस्तकों से प्यार
surenderpal vaidya
■ आदी हैं मल-वमन के।।
■ आदी हैं मल-वमन के।।
*Author प्रणय प्रभात*
*सादा जीवन उच्च विचार के धनी : लक्ष्मी नारायण अग्रवाल बाबा*
*सादा जीवन उच्च विचार के धनी : लक्ष्मी नारायण अग्रवाल बाबा*
Ravi Prakash
विचार
विचार
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
जिंदगी जब जब हमें
जिंदगी जब जब हमें
ruby kumari
न शायर हूँ, न ही गायक,
न शायर हूँ, न ही गायक,
Satish Srijan
*तुम और  मै धूप - छाँव  जैसे*
*तुम और मै धूप - छाँव जैसे*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
जिंदगी में ऐसा इंसान का होना बहुत ज़रूरी है,
जिंदगी में ऐसा इंसान का होना बहुत ज़रूरी है,
Mukesh Jeevanand
चुनिंदा अशआर
चुनिंदा अशआर
Dr fauzia Naseem shad
शिक्षक की भूमिका
शिक्षक की भूमिका
Rajni kapoor
सेवा
सेवा
ओंकार मिश्र
"भक्त नरहरि सोनार"
Pravesh Shinde
रमेशराज के हास्य बालगीत
रमेशराज के हास्य बालगीत
कवि रमेशराज
भगतसिंह के ख़्वाब
भगतसिंह के ख़्वाब
Shekhar Chandra Mitra
बार बार बोला गया झूठ भी बाद में सच का परिधान पहन कर सच नजर आ
बार बार बोला गया झूठ भी बाद में सच का परिधान पहन कर सच नजर आ
Babli Jha
"बहरापन"
Dr. Kishan tandon kranti
जो भी मिलता है दिलजार करता है
जो भी मिलता है दिलजार करता है
कवि दीपक बवेजा
दिन भर जाने कहाँ वो जाता
दिन भर जाने कहाँ वो जाता
डॉ.सीमा अग्रवाल
जला रहा हूँ ख़ुद को
जला रहा हूँ ख़ुद को
Akash Yadav
हिन्दी हाइकु- शुभ दिपावली
हिन्दी हाइकु- शुभ दिपावली
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
Loading...