Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
9 Jan 2017 · 1 min read

बगावत है

212 1222 212 122

दूर दो दिलों का रहना ही तो बगावत है
साथ – साथ चलते रहने में ही तो बरकत है

साथ – साथ ही अब मिल कर रहे युवा दिल तो
प्यार अब न होगा फिर बेवफा वकालत है

एक दूसरे से हो गर खफा कभी प्रेमी
मामला सुलझ जाने को यही अदालत है

भूलना न अपनों को तुम सदा सदा को फिर
आज तो युवाओं को यह सही नसीहत है

भूलना न अपनों को तुम सदा सदा को फिर
आज तो युवाओं को यह सही नसीहत है

73 Likes · 1 Comment · 357 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from DR.MDHU TRIVEDI
View all
You may also like:
सजन के संग होली में, खिलें सब रंग होली में।
सजन के संग होली में, खिलें सब रंग होली में।
डॉ.सीमा अग्रवाल
एक सांप तब तक किसी को मित्र बनाकर रखता है जब तक वह भूखा न हो
एक सांप तब तक किसी को मित्र बनाकर रखता है जब तक वह भूखा न हो
Rj Anand Prajapati
आदि शक्ति माँ
आदि शक्ति माँ
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
तोता और इंसान
तोता और इंसान
Dinesh Yadav (दिनेश यादव)
आज उन असंख्य
आज उन असंख्य
*Author प्रणय प्रभात*
ज्योतिर्मय
ज्योतिर्मय
Pratibha Pandey
आप हो
आप हो
Dr.Pratibha Prakash
दोहा
दोहा
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
3193.*पूर्णिका*
3193.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
"बाकी"
Dr. Kishan tandon kranti
محبّت عام کرتا ہوں
محبّت عام کرتا ہوں
अरशद रसूल बदायूंनी
सच और सोच
सच और सोच
Neeraj Agarwal
ग़ज़ल/नज़्म - प्यार के ख्वाबों को दिल में सजा लूँ तो क्या हो
ग़ज़ल/नज़्म - प्यार के ख्वाबों को दिल में सजा लूँ तो क्या हो
अनिल कुमार
"प्यासा"के गजल
Vijay kumar Pandey
जाने दिया
जाने दिया
Kunal Prashant
मेरी चाहत रही..
मेरी चाहत रही..
हिमांशु Kulshrestha
बढ़ना होगा
बढ़ना होगा
सुरेश अजगल्ले 'इन्द्र '
सवाल जवाब
सवाल जवाब
Dr. Pradeep Kumar Sharma
हिन्दी में ग़ज़ल की औसत शक़्ल? +रमेशराज
हिन्दी में ग़ज़ल की औसत शक़्ल? +रमेशराज
कवि रमेशराज
प्रकाश एवं तिमिर
प्रकाश एवं तिमिर
Pt. Brajesh Kumar Nayak
नैन खोल मेरी हाल देख मैया
नैन खोल मेरी हाल देख मैया
Basant Bhagawan Roy
*झूला सावन मस्तियॉं, काले मेघ फुहार (कुंडलिया)*
*झूला सावन मस्तियॉं, काले मेघ फुहार (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
तुम मेरे बाद भी
तुम मेरे बाद भी
Dr fauzia Naseem shad
बहुत दिनों के बाद मिले हैं हम दोनों
बहुत दिनों के बाद मिले हैं हम दोनों
Shweta Soni
कोई बात नहीं, अभी भी है बुरे
कोई बात नहीं, अभी भी है बुरे
gurudeenverma198
"New year की बधाई "
Yogendra Chaturwedi
हर बार मेरी ही किस्मत क्यो धोखा दे जाती हैं,
हर बार मेरी ही किस्मत क्यो धोखा दे जाती हैं,
Vishal babu (vishu)
धड़कूँगा फिर तो पत्थर में भी शायद
धड़कूँगा फिर तो पत्थर में भी शायद
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
"जून की शीतलता"
Dr Meenu Poonia
वक्त और हालात जब साथ नहीं देते हैं।
वक्त और हालात जब साथ नहीं देते हैं।
Manoj Mahato
Loading...