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19 Sep 2020 · 1 min read

फूल चुनोगे

फूल चुनोगे तो
काँटे भी पाओगे
अगर डरे तो
खुशबू से
वंचित रह जाओगे
काँटे कभी मिटा
न सकेंगे
फूलों का होना
लगा रहेगा उनका
हमेशा
ईर्ष्यावश रोना
फूल हमेशा
परहित की
खातिर जीते
तब तो देवों के सिर
शोभा पाते हैं
कांटे पर पीड़ा देते
हैं इसलिए
जूतों के नीचे ही
रौंदे जाते हैं
✍️सतीश शर्मा

Language: Hindi
1 Like · 189 Views
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