फूल खिलते नहीं बहार से पहले
फूल खिलते नहीं बहार से पहले ,
हमदम मिलते नहीं वक्त से पहले |
बहार जब आती हैं, ख्शबू सात लती हैं ,
वक्ते इंतजार खत्म हो जाती हैं,
ऊनके आने से पहले | :)
दिल बागवा हुआ , उनकी आने की महक से ,
क्या खेल हैं कुदरत का, दिल धड़कने लगा ;
ऊनके आने से पहले | :)
वक्त क्टता नहीं, मिलने के इंतजार में ,
दिल खो गया, आपके आगोश में |
सांस लेता हूँ , तो सिरहन होती हैं,
निकालता हूँ तो, कुल्फी जाम जाती हैं | :)
मंजील जैसे जैसे पास आती हैं,
वक्त ल्मम्बी हो जाती हैं |
दिनो की क्या बात हैं, हर ल्महा भी नहीं क्टता ;
अर्ज हैं खुदा से, हर ल्महा ओ घडी —- छोटी कर दे |||