फिज़ां में रौनके बहार आये
1.
फिज़ां में रौनके बहार आये
फूल खिलें फिज़ा मुस्कराए
जुबां पे उस खुदा का नाम आये
हर एक शख्स उसकी आँखों का नूर हो जाए
2.
जेहन में बस जाए सूरत उनकी
जहां भी जाएँ , जियारत हो जाए
झोलियाँ भर सबकी मेरे मौला
हर एक शख्स तेरा अजीज़ हो जाए