Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
25 May 2021 · 1 min read

फिर आई बरसात(बरसात)

फिर मेघाच्छन्न हुआ गगन
फिर टप-टप बूंदे आई
धरा नटी की खातिर
नभ से नव संदेशा लाई

पा जिसको खिल उठी वसुंधरा
धानी चूनर लहराई
दिल की कली प्रस्फुटित हुई
चहुँ दिस हरियाली छाई

ताल, तलैया, कूप, बावड़ी
सब में खुशी उमगाई
सृष्टि विहँस रही नव वृष्टि से
शोभा अनुपम पाई

निखर उठी कुदरत की आभा
आया चहुँ दिस नव मधुमास
धन्य धन्य हे बादल प्यारे
कण कण में मधुरिम आभास

जैसे जल बरसा मेघों ने
दूर किया कुदरत का ताप
प्रेम स्नेह सद्भावों से हम
धो दें जन-मन का संताप

3 Likes · 5 Comments · 468 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
वो सुन के इस लिए मुझको जवाब देता नहीं
वो सुन के इस लिए मुझको जवाब देता नहीं
Aadarsh Dubey
चलना, लड़खड़ाना, गिरना, सम्हलना सब सफर के आयाम है।
चलना, लड़खड़ाना, गिरना, सम्हलना सब सफर के आयाम है।
Sanjay ' शून्य'
गुमराह नौजवान
गुमराह नौजवान
Shekhar Chandra Mitra
मैं पीपल का पेड़
मैं पीपल का पेड़
VINOD CHAUHAN
"लिख दो"
Dr. Kishan tandon kranti
छोटे गाँव का लड़का था मैं
छोटे गाँव का लड़का था मैं
The_dk_poetry
प्यार
प्यार
Anil chobisa
इक चाँद नज़र आया जब रात ने ली करवट
इक चाँद नज़र आया जब रात ने ली करवट
Sarfaraz Ahmed Aasee
रामपुर में थियोसॉफिकल सोसायटी के पर्याय श्री हरिओम अग्रवाल जी
रामपुर में थियोसॉफिकल सोसायटी के पर्याय श्री हरिओम अग्रवाल जी
Ravi Prakash
सच तो फूल होते हैं।
सच तो फूल होते हैं।
Neeraj Agarwal
जमातों में पढ़ों कलमा,
जमातों में पढ़ों कलमा,
Satish Srijan
आ जाओ घर साजना
आ जाओ घर साजना
लक्ष्मी सिंह
शृंगार
शृंगार
Kamal Deependra Singh
विश्व स्वास्थ्य दिवस पर....
विश्व स्वास्थ्य दिवस पर....
डॉ.सीमा अग्रवाल
नारी
नारी
Acharya Rama Nand Mandal
जिम्मेदारी और पिता (मार्मिक कविता)
जिम्मेदारी और पिता (मार्मिक कविता)
Dr. Kishan Karigar
Sometimes you have to
Sometimes you have to
Prachi Verma
हमारा संघर्ष
हमारा संघर्ष
पूर्वार्थ
देख कर उनको
देख कर उनको
हिमांशु Kulshrestha
फूल खुशबू देते है _
फूल खुशबू देते है _
Rajesh vyas
पर्व है ऐश्वर्य के प्रिय गान का।
पर्व है ऐश्वर्य के प्रिय गान का।
surenderpal vaidya
समझा दिया है वक़्त ने
समझा दिया है वक़्त ने
Dr fauzia Naseem shad
डॉ अरुण कुमार शास्त्री
डॉ अरुण कुमार शास्त्री
DR ARUN KUMAR SHASTRI
छुपा रखा है।
छुपा रखा है।
अभिषेक पाण्डेय 'अभि ’
■ शर्मनाक प्रपंच...
■ शर्मनाक प्रपंच...
*Author प्रणय प्रभात*
चंदा मामा से मिलने गए ,
चंदा मामा से मिलने गए ,
ओनिका सेतिया 'अनु '
'महंगाई की मार'
'महंगाई की मार'
निरंजन कुमार तिलक 'अंकुर'
ख्वाहिशें आँगन की मिट्टी में, दम तोड़ती हुई सी सो गयी, दरार पड़ी दीवारों की ईंटें भी चोरी हो गयीं।
ख्वाहिशें आँगन की मिट्टी में, दम तोड़ती हुई सी सो गयी, दरार पड़ी दीवारों की ईंटें भी चोरी हो गयीं।
Manisha Manjari
जीवन में जब संस्कारों का हो जाता है अंत
जीवन में जब संस्कारों का हो जाता है अंत
प्रेमदास वसु सुरेखा
Mujhe laga tha irade majbut hai mere ,
Mujhe laga tha irade majbut hai mere ,
Sakshi Tripathi
Loading...