Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
13 Feb 2017 · 2 min read

फ़ोकट का तमाशा

आज फिर कामिनी बाहर गली में आकर चिल्ला रही थी ‘कोई भी नही बचेगा, सब को सजा मिलेगी. कानून किसी को नही छोड़ेगा.’ सभी अपने अपने घरों से झांक रहे थे. उसका भाई इंदर उसे समझा बुझा कर भीतर ले जाने का प्रयास कर रहा था.
अपनी बहन की इस दशा से वह बहुत दुखी था. बड़ी मुश्किल से समझा बुझा कर वह उसे भीतर ले गया. कुछ देर तक अपने अपने घरों से बाहर झांकने के बाद सब भीतर चले गए.
कभी कामिनी भी एक सामान्य लड़की थी. एक कंपनी में नौकरी करती थी. कुछ ही समय में विवाह होने वाला था. अपने आने वाले भविष्य को लेकर वह बहुत खुश थी. उसका होने वाला पति एक अच्छी नौकरी में था. परिवार भी बहुत अच्छा था. अतः वह आने वाले दिनों के सुखद स्वप्न देखने लगी थी.
किंतु उसके सारे सपने बिखर गए. एक दिन जब वह दफ्तर से घर लौट रही थी तब कुछ रईसजादों ने उसे जबरन अपनी कार में बिठा लिया. रात भर उसे नोचने खसोटने के बाद सड़क पर फेंक दिया. लड़के वालों ने विवाह से इंकार कर दिया.
इतने पर भी उसने हिम्मत नही हारी. अपने भाई इंदर के साथ मिलकर कानूनी लड़ाई के ज़रिए इंसाफ पाने का प्रयास किया. पुलिस स्टेशन के चक्कर मेडिकल जांच उसके बाद कोर्ट में प्रतिपक्षी वकील के भद्दे सवाल कुछ भी उसके हौंसले को तोड़ नही सका. लेकिन वह लड़के रसूखदार खानदानों के थे. पैसे की ताकत ने साबित कर दिया कि घटना के समय कोई शहर में नही था. सब बाइज़्ज़त बरी हो गए.
कामिनी यह आघात सह नही पाई. वह अपना मानसिक संतुलन खो बैठी. अब अक्सर वह इस तरह चीखने चिल्लाने लगती थी.
मोहल्ले वालों के लिए यह आए दिन का तमाशा था. किंतु कामिनी के लिए यह उसके मन की व्यथा थी.

Language: Hindi
267 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
* जिन्दगी *
* जिन्दगी *
surenderpal vaidya
शीर्षक - संगीत
शीर्षक - संगीत
Neeraj Agarwal
*😊 झूठी मुस्कान 😊*
*😊 झूठी मुस्कान 😊*
प्रजापति कमलेश बाबू
भारती-विश्व-भारती
भारती-विश्व-भारती
Jeewan Singh 'जीवनसवारो'
#लघुकथा-
#लघुकथा-
*Author प्रणय प्रभात*
नजर  नहीं  आता  रास्ता
नजर नहीं आता रास्ता
Nanki Patre
अधूरी दास्तान
अधूरी दास्तान
हिमांशु बडोनी (दयानिधि)
उलझनें
उलझनें
पाण्डेय चिदानन्द "चिद्रूप"
***दिल बहलाने  लाया हूँ***
***दिल बहलाने लाया हूँ***
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
टन टन बजेगी घंटी
टन टन बजेगी घंटी
SHAMA PARVEEN
विचार
विचार
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
देश- विरोधी तत्व
देश- विरोधी तत्व
लक्ष्मी सिंह
एक गजल
एक गजल
umesh mehra
*ग़ज़ल*
*ग़ज़ल*
शेख रहमत अली "बस्तवी"
"मेरे नाम की जय-जयकार करने से अच्‍छा है,
शेखर सिंह
गर्भपात
गर्भपात
Dr. Kishan tandon kranti
3301.⚘ *पूर्णिका* ⚘
3301.⚘ *पूर्णिका* ⚘
Dr.Khedu Bharti
ज्ञानवान  दुर्जन  लगे, करो  न सङ्ग निवास।
ज्ञानवान दुर्जन लगे, करो न सङ्ग निवास।
संजीव शुक्ल 'सचिन'
शक
शक
Paras Nath Jha
कविता तो कैमरे से भी की जाती है, पर विरले छायाकार ही यह हुनर
कविता तो कैमरे से भी की जाती है, पर विरले छायाकार ही यह हुनर
ख़ान इशरत परवेज़
ताजा भोजन जो मिला, समझो है वरदान (कुंडलिया)
ताजा भोजन जो मिला, समझो है वरदान (कुंडलिया)
Ravi Prakash
कर्त्तव्य
कर्त्तव्य
डॉ विजय कुमार कन्नौजे
हँसते गाते हुए
हँसते गाते हुए
Shweta Soni
जागो रे बीएलओ
जागो रे बीएलओ
gurudeenverma198
पा रही भव्यता अवधपुरी उत्सव मन रहा अनोखा है।
पा रही भव्यता अवधपुरी उत्सव मन रहा अनोखा है।
Prabhu Nath Chaturvedi "कश्यप"
कुछ लोग गुलाब की तरह होते हैं।
कुछ लोग गुलाब की तरह होते हैं।
Srishty Bansal
संविधान ग्रंथ नहीं मां भारती की एक आत्मा 🇮🇳
संविधान ग्रंथ नहीं मां भारती की एक आत्मा 🇮🇳
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
ना मसले अदा के होते हैं
ना मसले अदा के होते हैं
Phool gufran
You can't AFFORD me
You can't AFFORD me
Vandana maurya
★गहने ★
★गहने ★
★ IPS KAMAL THAKUR ★
Loading...