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31 Jan 2021 · 1 min read

प्रेम

प्रेम हमारा मीरा जैसा, या कृष्णा का राधा है।
दोनों ही हैं कुछ पूरे से,दोनों में कुछ आधा है।
दोनों ही थी प्रेम दिवानी,पगली गिरिधर नागर की-
इक दूजे के दिल में रहते, मगर मिलन में बाधा है ।
-लक्ष्मी सिंह
नई दिल्ली

Language: Hindi
2 Likes · 1 Comment · 131 Views
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