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12 May 2020 · 1 min read

प्रेम राहें गुमराह

*** प्रेम राहें गुमराह ****
********************

चाँद तारे सारे गवाह है
तेरे बिना जीवन सवाह है

आसमां में दामिनी दमकती
गिरे जो भू पर सब तबाह है

फलक पे पयोधर हैं गरजते
न बरसे तो फसले तबाह है

प्यार में सौदेबाजी होती
प्रेम राहें अब गुमराह है

दर बदर रहें ठोकरें खाते
कहीं न मिल पाए पनाह है

मनमर्जियाँ सदा रहें करते
न माने किसी की सलाह है

खुदगर्जियाँ हो गई भारी
घर घर बनी हुई दरगाह है

सुखविंद्र भटकता रहता है
मिल ना पाए कोई राह है
********************

सुखविंद्र सिंह मनसीरत
खेड़ी राओ वाली (कैथल)

Language: Hindi
1 Like · 4 Comments · 194 Views
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