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24 Jan 2020 · 1 min read

प्रेम जीवनाधार

प्रेम कहानी बनता है
प्रेम परमात्मा का द्वार.
प्रेम इक परम उपहार.
प्रेम फितरत से निपजे,
जाने कोई जाननहार.

प्रेम होता है
यह आयोजन से बाहर.
प्रकृति अंतस की
होती अलंकृत बाहर.

जाना नहीं माना है.
मन्यते एक अनेक.
आक्रमण नहीं ये
समर्पण सदाबहार,
सोचे आज विचार.

दो छोर पर करे गमन
इस पार या उस पार.
प्रेम ही परमात्मा
प्रियतम जीवन आधार.

पाप पुण्य से मुक्त है.
स्वाच्छित उड़े चित्ताकाश.
प्रेम खुद एक किस्सा है
पढे पढाये सुनो सुनाये आज

Language: Hindi
2 Likes · 178 Views
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