Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
2 Jan 2018 · 1 min read

प्रेम का प्रथम अहसास

प्रेम का प्रथम अहसास
==========================
सावन की छटा से,बादल की घटा से
किससे मैं पूछू यार ,तेरा पता……………
नजर एक देखा था ,हमने तो राहो में
तवसे है रूठे नैना ,ओर निहारे ना
झलक एक दिखलादे ,अब न सता………(१)
हर ओर देखा ,सारा जग ढूँढा
तुझसा नहीं कोई, दूजा मिला
यो रूठो न हम से ,हुई क्या है खता……(२)
धड़कन है तू ही, स्वासो का रिदम
हमारी मोहब्बत ,खुदा का करम
होगी एक मुलाकात ,कब तू बता……(३)
नींद नहीं है,चैन नहीं है
तेरा ही चेहरा ,बस नजर आये रे
क्या? यही हाल है तेरा ,मुझ को बता……(४)
खामोश नजरें न कुछ कह रही है
दिल को दरद है ,दिल को रहा है
नजर तेरी पाने को ये क्या-क्या न करता…..(५)
खुदा को मनाऊ ,दुआ भी करूँ
तेरे बिना मैं जियू न मरू
मिला दे मेरे यार से ,मेरी कोई न खता……….(६)
उनसे मिलू तो सारी रस्मे भुला दूँ
तोडू सारी कसमे ,मैं खुद को भुला दूँ
लगा लू गले से ,जैसे पुष्प लता……………….(७)
====================
पहचान उनकी क्या है उनके बारे में कुछ बताता हूँ,देखिए …..
सोलह बरस की ,बाली उमर थी
खुदा की बनाई ,वो रचना सुघर थी
रंग रूप ऐसा ,हो बसंती महीना
मुझको तो लूट गये ,उसके दो नयना
चेहरा है ऐसा ,जो देखता रहूँ
मूरत है हीर की,मैं ऐसा कहूँ
ऊपर से नीचे तक देखा उसे
फिर मेरे चैन का मुझे न पता………(8)
किससे मैं पूछूँ यार तेरा पता……………
राघव दुबे
इटावा (उ०प्र०)
8439401034

Language: Hindi
Tag: गीत
393 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
कुछ लोगो का दिल जीत लिया आकर इस बरसात ने
कुछ लोगो का दिल जीत लिया आकर इस बरसात ने
सिद्धार्थ गोरखपुरी
बिना मांगते ही खुदा से
बिना मांगते ही खुदा से
Shinde Poonam
23/75.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
23/75.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
ईश्वर के सम्मुख अनुरोध भी जरूरी है
ईश्वर के सम्मुख अनुरोध भी जरूरी है
Ajad Mandori
-- दिखावटी लोग --
-- दिखावटी लोग --
गायक - लेखक अजीत कुमार तलवार
ग़ज़ल/नज़्म - ये प्यार-व्यार का तो बस एक बहाना है
ग़ज़ल/नज़्म - ये प्यार-व्यार का तो बस एक बहाना है
अनिल कुमार
रास्ते  की  ठोकरों  को  मील   का  पत्थर     बनाता    चल
रास्ते की ठोकरों को मील का पत्थर बनाता चल
पूर्वार्थ
"वक्त के गर्त से"
Dr. Kishan tandon kranti
बन जाने दो बच्चा मुझको फिर से
बन जाने दो बच्चा मुझको फिर से
gurudeenverma198
सोलह श्रृंगार
सोलह श्रृंगार
Shekhar Chandra Mitra
खामोश रहना ही जिंदगी के
खामोश रहना ही जिंदगी के
ओनिका सेतिया 'अनु '
पापा के वह शब्द..
पापा के वह शब्द..
Harminder Kaur
बहुत याद आती है
बहुत याद आती है
नन्दलाल सुथार "राही"
तुमने - दीपक नीलपदम्
तुमने - दीपक नीलपदम्
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
शाम
शाम
N manglam
दैनिक जीवन में सब का तू, कर सम्मान
दैनिक जीवन में सब का तू, कर सम्मान
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
दुखी-संसार (कुंडलिया)
दुखी-संसार (कुंडलिया)
Ravi Prakash
रमेशराज के शिक्षाप्रद बालगीत
रमेशराज के शिक्षाप्रद बालगीत
कवि रमेशराज
खिलौने भी तब मिले
खिलौने भी तब मिले
Satish Srijan
हास्य का प्रहार लोगों पर न करना
हास्य का प्रहार लोगों पर न करना
DrLakshman Jha Parimal
कुछ नही हो...
कुछ नही हो...
Sapna K S
प्राणदायिनी वृक्ष
प्राणदायिनी वृक्ष
AMRESH KUMAR VERMA
विद्या देती है विनय, शुद्ध  सुघर व्यवहार ।
विद्या देती है विनय, शुद्ध सुघर व्यवहार ।
संजीव शुक्ल 'सचिन'
Thought
Thought
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
!! गुलशन के गुल !!
!! गुलशन के गुल !!
Chunnu Lal Gupta
फनीश्वरनाथ रेणु के जन्म दिवस (4 मार्च) पर विशेष
फनीश्वरनाथ रेणु के जन्म दिवस (4 मार्च) पर विशेष
Paras Nath Jha
*अज्ञानी की कलम*
*अज्ञानी की कलम*
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी
गति केवल
गति केवल
*Author प्रणय प्रभात*
मानव मूल्य शर्मसार हुआ
मानव मूल्य शर्मसार हुआ
Bodhisatva kastooriya
वो इश्क जो कभी किसी ने न किया होगा
वो इश्क जो कभी किसी ने न किया होगा
ठाकुर प्रतापसिंह "राणाजी"
Loading...