Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
8 Sep 2020 · 1 min read

प्रेम का दीप

ह्रदय द्वार पर दीप प्रेम का
आओ एक जलाएं
रोशन हो यह दुनिया सारी
अपने कौन पराए
प्रेम का दीया स्नेह की बाती
सदभाव का तेल जलाएं
नव प्रकाश भर जाए जगत में
नव बिहान ले आएं
अंबर बर्षा करें प्रेम की
धरती नेह लुटाए
ज्योति से ज्योति जले हर दिल की
ये जग जगमग हो जाए
दिल से गायें गीत प्रेम का
मनसे हाथ बटाएं
खुशियां बांट रही धरती मां
सब मिलकर इसे बचाएं

सुरेश कुमार चतुर्वेदी

Language: Hindi
6 Likes · 12 Comments · 254 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from सुरेश कुमार चतुर्वेदी
View all
You may also like:
जन्म से मृत्यु तक भारत वर्ष मे संस्कारों का मेला है
जन्म से मृत्यु तक भारत वर्ष मे संस्कारों का मेला है
Satyaveer vaishnav
कैसे कांटे हो तुम
कैसे कांटे हो तुम
Basant Bhagawan Roy
2485.पूर्णिका
2485.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
*सत्ता कब किसकी रही, सदा खेलती खेल (कुंडलिया)*
*सत्ता कब किसकी रही, सदा खेलती खेल (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
"खामोशी"
Dr. Kishan tandon kranti
अटल-अवलोकन
अटल-अवलोकन
नंदलाल सिंह 'कांतिपति'
पाँव में खनकी चाँदी हो जैसे - संदीप ठाकुर
पाँव में खनकी चाँदी हो जैसे - संदीप ठाकुर
Sandeep Thakur
💐 Prodigy Love-41💐
💐 Prodigy Love-41💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
ख्वाबों ने अपना रास्ता बदल लिया है,
ख्वाबों ने अपना रास्ता बदल लिया है,
manjula chauhan
नवरात्रि के सातवें दिन दुर्गाजी की सातवीं शक्ति देवी कालरात्
नवरात्रि के सातवें दिन दुर्गाजी की सातवीं शक्ति देवी कालरात्
Shashi kala vyas
Advice
Advice
Shyam Sundar Subramanian
एक तरफा प्यार
एक तरफा प्यार
Neeraj Agarwal
गरीबी तमाशा
गरीबी तमाशा
Dr fauzia Naseem shad
Line.....!
Line.....!
Vicky Purohit
* रेत समंदर के...! *
* रेत समंदर के...! *
VEDANTA PATEL
"सुप्रभात"
Yogendra Chaturwedi
ज़हन खामोश होकर भी नदारत करता रहता है।
ज़हन खामोश होकर भी नदारत करता रहता है।
Phool gufran
वो तुम्हारी पसंद को अपना मानता है और
वो तुम्हारी पसंद को अपना मानता है और
Rekha khichi
नव प्रबुद्ध भारती
नव प्रबुद्ध भारती
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
एक इश्क में डूबी हुई लड़की कभी भी अपने आशिक दीवाने लड़के को
एक इश्क में डूबी हुई लड़की कभी भी अपने आशिक दीवाने लड़के को
Rj Anand Prajapati
अबोध अंतस....
अबोध अंतस....
Santosh Soni
बात-बात पर क्रोध से, बढ़ता मन-संताप।
बात-बात पर क्रोध से, बढ़ता मन-संताप।
डॉ.सीमा अग्रवाल
*सवाल*
*सवाल*
Naushaba Suriya
हँस लो! आज  दर-ब-दर हैं
हँस लो! आज दर-ब-दर हैं
दुष्यन्त 'बाबा'
अबस ही डर रहा था अब तलक मैं
अबस ही डर रहा था अब तलक मैं
Neeraj Naveed
मेरा सुकून....
मेरा सुकून....
Srishty Bansal
जीवन को पैगाम समझना पड़ता है
जीवन को पैगाम समझना पड़ता है
कवि दीपक बवेजा
■ सियासत के बूचड़खाने में...।।
■ सियासत के बूचड़खाने में...।।
*Author प्रणय प्रभात*
पिछले पन्ने 10
पिछले पन्ने 10
Paras Nath Jha
आपको डुबाने के लिए दुनियां में,
आपको डुबाने के लिए दुनियां में,
नेताम आर सी
Loading...