Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
5 Mar 2018 · 1 min read

प्रेत अभिलाषाओं का

प्रेत एक जागा अभिलाषाओं का ।
कुछ मृत आस पिपासाओं का ।
आ कर बैठा है जो कांधों पर ,
प्रश्न पूछता आधे छूटे वादों का ।

ले मौन , चला मंज़िल अपनी ,
हृदय मन फ़ौलाद इरादों का ।
मार दिए जो सपने उसने अपने ,
ठोकर कदमों से ख़ाक उड़ाता सा ।

आशाएँ अभिलाषाएँ ही जागतीं हैं ।
यह ज़िंदगी तो “निश्चल” भागती है ।
ठहरती नही कभी निश्चल रहकर ,
ज़िंदगी को ज़िंदगी कब बांधती है ।
….
…. विवेक दुबे”निश्चल”@….
Blog post 5/3/18

Language: Hindi
187 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
हे🙏जगदीश्वर आ घरती पर🌹
हे🙏जगदीश्वर आ घरती पर🌹
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
खो गयी हर इक तरावट,
खो गयी हर इक तरावट,
Prashant mishra (प्रशान्त मिश्रा मन)
"शाम-सवेरे मंदिर जाना, दीप जला शीश झुकाना।
आर.एस. 'प्रीतम'
वनिता
वनिता
Satish Srijan
"कागज"
Dr. Kishan tandon kranti
सनम  ऐसे ना मुझको  बुलाया करो।
सनम ऐसे ना मुझको बुलाया करो।
सत्येन्द्र पटेल ‘प्रखर’
मेरी माँ तू प्यारी माँ
मेरी माँ तू प्यारी माँ
Vishnu Prasad 'panchotiya'
इरशा
इरशा
ओंकार मिश्र
बिल्ली की लक्ष्मण रेखा
बिल्ली की लक्ष्मण रेखा
Paras Nath Jha
हौसला
हौसला
डॉ. शिव लहरी
हमनें ख़ामोश
हमनें ख़ामोश
Dr fauzia Naseem shad
सूने सूने से लगते हैं
सूने सूने से लगते हैं
Er. Sanjay Shrivastava
अब न वो आहें बची हैं ।
अब न वो आहें बची हैं ।
Arvind trivedi
अजीब करामात है
अजीब करामात है
शेखर सिंह
रंगोली
रंगोली
Neelam Sharma
सत्य की खोज
सत्य की खोज
Srishty Bansal
#drarunkumarshastriblogger
#drarunkumarshastriblogger
DR ARUN KUMAR SHASTRI
जगत कंटक बिच भी अपनी वाह है |
जगत कंटक बिच भी अपनी वाह है |
Pt. Brajesh Kumar Nayak
आप अच्छे हो उससे ज्यादा,फर्क आप कितने सफल
आप अच्छे हो उससे ज्यादा,फर्क आप कितने सफल
पूर्वार्थ
जीने की वजह हो तुम
जीने की वजह हो तुम
Surya Barman
प्रीत ऐसी जुड़ी की
प्रीत ऐसी जुड़ी की
Seema gupta,Alwar
रिश्ते (एक अहसास)
रिश्ते (एक अहसास)
umesh mehra
धर्म की खूंटी
धर्म की खूंटी
मनोज कर्ण
मुक्तक
मुक्तक
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
*नारी है अबला नहीं, नारी शक्ति-स्वरूप (कुंडलिया)*
*नारी है अबला नहीं, नारी शक्ति-स्वरूप (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
23/137.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
23/137.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
किताबें
किताबें
Dr. Pradeep Kumar Sharma
तुमसे कितना प्यार है
तुमसे कितना प्यार है
gurudeenverma198
"जब आपका कोई सपना होता है, तो
Manoj Kushwaha PS
☝विशेष दिन : अनूठा_उपाय....
☝विशेष दिन : अनूठा_उपाय....
*Author प्रणय प्रभात*
Loading...