Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
29 Sep 2017 · 1 min read

#रुबाइयाँ

पुतला हर वर्ष जलाते हो , मन का रावण मरा नहीं।
हुयी व्यर्थ धन की बरबादी , दशहरा हुआ हरा नहीं।।
विष की बैलें फूल रही हैं , गर्द हृदय की बढ़ती है;
मनुज प्रपंच रचाता है तो , मानवता में खरा नहीं।।

दश हरे तरु अगर लगाओ , दशों दिशा हो हरियाली।
वातावरण स्वच्छ होगा तो , पाये जीवन ख़ुशहाली।
ऐसे दशहरा मनाओगे , ममता ज़्यादा पाओगे;
सुख होगा आशीष धरा का , रोग शोक नहिं बदहाली।।

मेघनाद कुंभकर्ण रावण , हमको सभी चिढ़ाते हैं।
बुरे कर्म ख़ुद तो छोड़ चले , अब हमसे करवाते हैं।
शल्यचिकित्सा मन की करलो , ढोंग पाप छल अब छोड़ो;
रामायण के पृष्ठ-पृष्ठ सब, हमको ये समझाते हैं।

#आर.एस.’प्रीतम’
सर्वाधिकार सुरक्षित रचना

Language: Hindi
1 Like · 394 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from आर.एस. 'प्रीतम'
View all
You may also like:
नश्वर है मनुज फिर
नश्वर है मनुज फिर
Abhishek Kumar
कविताएँ
कविताएँ
Shyam Pandey
शांतिवार्ता
शांतिवार्ता
Prakash Chandra
तुम पतझड़ सावन पिया,
तुम पतझड़ सावन पिया,
लक्ष्मी सिंह
क़ाबिल नहीं जो उनपे लुटाया न कीजिए
क़ाबिल नहीं जो उनपे लुटाया न कीजिए
Shweta Soni
गीतिका
गीतिका
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
दर्द आँखों में आँसू  बनने  की बजाय
दर्द आँखों में आँसू बनने की बजाय
शिव प्रताप लोधी
■ विकृत परिदृश्य...
■ विकृत परिदृश्य...
*Author प्रणय प्रभात*
जीवन
जीवन
Bodhisatva kastooriya
समय से पहले
समय से पहले
अंजनीत निज्जर
*लाइक और कमेंट 【हास्य कुंडलिया】*
*लाइक और कमेंट 【हास्य कुंडलिया】*
Ravi Prakash
2236.
2236.
Dr.Khedu Bharti
बदल चुका क्या समय का लय?
बदल चुका क्या समय का लय?
Buddha Prakash
निंदा
निंदा
Dr fauzia Naseem shad
क्या मैं थी
क्या मैं थी
Surinder blackpen
झंझा झकोरती पेड़ों को, पर्वत निष्कम्प बने रहते।
झंझा झकोरती पेड़ों को, पर्वत निष्कम्प बने रहते।
महेश चन्द्र त्रिपाठी
पढ़ते है एहसासों को लफ्जो की जुबानी...
पढ़ते है एहसासों को लफ्जो की जुबानी...
पूर्वार्थ
दोहा
दोहा
दुष्यन्त 'बाबा'
स्वाल तुम्हारे-जवाब हमारे
स्वाल तुम्हारे-जवाब हमारे
Ravi Ghayal
नंद के घर आयो लाल
नंद के घर आयो लाल
Kavita Chouhan
कलियों सा तुम्हारा यौवन खिला है।
कलियों सा तुम्हारा यौवन खिला है।
Rj Anand Prajapati
होली की पौराणिक कथाएँ।।।
होली की पौराणिक कथाएँ।।।
Jyoti Khari
धरती माँ ने भेज दी
धरती माँ ने भेज दी
Dr Manju Saini
जियो तो ऐसे जियो
जियो तो ऐसे जियो
Shekhar Chandra Mitra
समय आयेगा
समय आयेगा
नूरफातिमा खातून नूरी
'Memories some sweet and some sour..'
'Memories some sweet and some sour..'
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
मैं जिंदगी हूं।
मैं जिंदगी हूं।
Taj Mohammad
*लम्हा  प्यारा सा पल में  गुजर जाएगा*
*लम्हा प्यारा सा पल में गुजर जाएगा*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
मोहतरमा कुबूल है..... कुबूल है /लवकुश यादव
मोहतरमा कुबूल है..... कुबूल है /लवकुश यादव "अज़ल"
लवकुश यादव "अज़ल"
सादगी तो हमारी जरा……देखिए
सादगी तो हमारी जरा……देखिए
shabina. Naaz
Loading...