प्रारम्भ
दिन – प्रतिदिन
हिम्मत लस्त
हौसला पस्त
लेकिन मेहनत पर
विश्वास ज़बरदस्त ,
राह में रोड़े
शब्दों के कोड़े
लेकिन डटी रही
मन को जोड़े ,
इस आशा में कभी तो
मेहनत होगी सफल
हुनर की लहलहायेगी फसल ,
थोड़ी देर से पर
पकेगी भी कटेगी भी
सबको ये पचेगी भी ,
वक्त ने दिया साथ
थामा हाथ ,
बोला मुझसे
ना देखो ऐसे ,
मत हो अच्चभ
देर से ही सही
परंतु यही है
तुम्हारा प्रारम्भ ।
स्वरचित एवं मौलिक
(ममता सिंह देवा , 26/01/15 )