Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
23 May 2017 · 1 min read

प्रातःकाल

????
प्रातःकालीन प्रथम सूर्य किरण,
मंत्र मुग्ध बंधा मन का हिरण।

अचेत सृष्टि थी गहनता के कारण,
फैला प्रकाशपूँज किया तम हरण।

रूप,रस,गंध व नवीनता का वरण,
ईश्वरीय कलाकृति आलौकिक चित्रण।

किरणों के आगोश में धरा समर्पण,
हरियाली युक्त सौन्दर्य अतिआकर्षण।

पुष्प-किरीट व भ्रमरों का भ्रमण,
खग का नभ में स्वच्छंद विचरण।

प्रकृति सौन्दर्य का अनोखा दर्पण,
मधुमय,ज्योतिर्मय,नवजीवन अर्पण।

प्रातःकाल ब्रह्ममुहूर्त शुद्ध वातावरण,
रोमांचकारी,स्वास्थ्यवर्धक पर्यावरण।

सस्ता,सरल,निःशुल्क औषधिग्रहण,
आनंदित,सुखद,सुरक्षात्मक आवरण।
????-लक्ष्मी सिंह ?☺

Language: Hindi
794 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from लक्ष्मी सिंह
View all
You may also like:
अपनी नज़र में खुद
अपनी नज़र में खुद
Dr fauzia Naseem shad
हे प्रभु !
हे प्रभु !
Shubham Pandey (S P)
फ़ितरत
फ़ितरत
Priti chaudhary
जहां पर जन्म पाया है वो मां के गोद जैसा है।
जहां पर जन्म पाया है वो मां के गोद जैसा है।
सत्य कुमार प्रेमी
महोब्बत की बस इतनी सी कहानी है
महोब्बत की बस इतनी सी कहानी है
शेखर सिंह
कविता
कविता
Shiva Awasthi
“आँख के बदले आँख पूरी दुनिया को अँधा बना देगी”- गांधी जी
“आँख के बदले आँख पूरी दुनिया को अँधा बना देगी”- गांधी जी
डा. सूर्यनारायण पाण्डेय
ग़ज़ल/नज़्म - ये हर दिन और हर रात हमारी होगी
ग़ज़ल/नज़्म - ये हर दिन और हर रात हमारी होगी
अनिल कुमार
हाथ में कलम और मन में ख्याल
हाथ में कलम और मन में ख्याल
Sonu sugandh
चालें बहुत शतरंज की
चालें बहुत शतरंज की
surenderpal vaidya
" मुझमें फिर से बहार न आयेगी "
Aarti sirsat
छुप जाता है चाँद, जैसे बादलों की ओट में l
छुप जाता है चाँद, जैसे बादलों की ओट में l
सेजल गोस्वामी
जो हमारे ना हुए कैसे तुम्हारे होंगे।
जो हमारे ना हुए कैसे तुम्हारे होंगे।
Prabhu Nath Chaturvedi "कश्यप"
तुलनात्मक अध्ययन एक अपराध-बोध
तुलनात्मक अध्ययन एक अपराध-बोध
Mahender Singh
ऐ वतन
ऐ वतन
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
जिस के नज़र में पूरी दुनिया गलत है ?
जिस के नज़र में पूरी दुनिया गलत है ?
Sandeep Mishra
व्यक्ति और विचार में यदि चुनना पड़े तो विचार चुनिए। पर यदि व
व्यक्ति और विचार में यदि चुनना पड़े तो विचार चुनिए। पर यदि व
Sanjay ' शून्य'
2943.*पूर्णिका*
2943.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
"गम का सूरज"
Dr. Kishan tandon kranti
'नव कुंडलिया 'राज' छंद' में रमेशराज के 4 प्रणय गीत
'नव कुंडलिया 'राज' छंद' में रमेशराज के 4 प्रणय गीत
कवि रमेशराज
समस्या
समस्या
Paras Nath Jha
लौट आओ ना
लौट आओ ना
VINOD CHAUHAN
■ आज का शेर-
■ आज का शेर-
*Author प्रणय प्रभात*
चल‌ मनवा चलें....!!!
चल‌ मनवा चलें....!!!
Kanchan Khanna
कभी शांत कभी नटखट
कभी शांत कभी नटखट
Neelam Sharma
जो उसके हृदय को शीतलता दे जाए,
जो उसके हृदय को शीतलता दे जाए,
Vaishnavi Gupta (Vaishu)
अब न वो आहें बची हैं ।
अब न वो आहें बची हैं ।
Arvind trivedi
गुरु
गुरु
Rashmi Sanjay
*सर्दी-गर्मी अब कहॉं, जब तन का अवसान (कुंडलिया)*
*सर्दी-गर्मी अब कहॉं, जब तन का अवसान (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
विधा - गीत
विधा - गीत
Harminder Kaur
Loading...