Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
6 Feb 2017 · 1 min read

&&& प्रभु तेरी लीला देखि &&&

ऊपर वाले न मैने कभी तेरी सूरत देखि
न ही वो तेरी सुहानी सी सीरत देखि
बस तेरे रूप के न जाने कितने देखे यहाँ
येही जाना,,की यही तेरी बस मूरत होगी !!

कोई शैतान बन गया , कोई हैवान बन गया
कोई पापी बन गया , कोई महात्मा बन गया
कोई आमिर बन गया, कोई फ़क़ीर बन गया
हम ने तो पल पल दुनिया बदलती ही देखि !!

किसी को दे दिए महल चोबारे, कोई फिरता मारा मारा
कोई धन पाकर भी बेचैन हुआ, कोई धन के लिए लाचार हुआ
किसी को डूबा रही है दुनिया, कोई डूबने को तयार हुआ
हे मालिक, दुनिया की विचित्र तस्वीर देखि !!

रिश्तो की डोर टूटती देखि, किसी का बंधन न टूटा
प्यार कर कर के , फिर भ्रम में कत्ल का रूप देखा
शक की बुनियाद ने , अपनी छाप कुछ ऐसी छोड़ी
की भाई भाई की दुश्मनी हमने संगीन देखि !!

अजीत तलवार
मेरठ

Language: Hindi
237 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from गायक - लेखक अजीत कुमार तलवार
View all
You may also like:
बिहार एवं झारखण्ड के दलक कवियों में विगलित दलित व आदिवासी-चेतना / मुसाफ़िर बैठा
बिहार एवं झारखण्ड के दलक कवियों में विगलित दलित व आदिवासी-चेतना / मुसाफ़िर बैठा
Dr MusafiR BaithA
सफर में चाहते खुशियॉं, तो ले सामान कम निकलो(मुक्तक)
सफर में चाहते खुशियॉं, तो ले सामान कम निकलो(मुक्तक)
Ravi Prakash
मेरे हैं बस दो ख़ुदा
मेरे हैं बस दो ख़ुदा
The_dk_poetry
जो हर पल याद आएगा
जो हर पल याद आएगा
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
हम तुम्हें सोचते हैं
हम तुम्हें सोचते हैं
Dr fauzia Naseem shad
बढ़ी शय है मुहब्बत
बढ़ी शय है मुहब्बत
shabina. Naaz
कितना अजीब ये किशोरावस्था
कितना अजीब ये किशोरावस्था
Pramila sultan
रमेशराज के विरोधरस दोहे
रमेशराज के विरोधरस दोहे
कवि रमेशराज
🙅किस्सा कुर्सी का🙅
🙅किस्सा कुर्सी का🙅
*Author प्रणय प्रभात*
ज़िंदगी की उलझन;
ज़िंदगी की उलझन;
शोभा कुमारी
अब गूंजेगे मोहब्बत के तराने
अब गूंजेगे मोहब्बत के तराने
Surinder blackpen
ना जाने क्यों ?
ना जाने क्यों ?
Ramswaroop Dinkar
“नया मुकाम”
“नया मुकाम”
DrLakshman Jha Parimal
मैं लिखूंगा तुम्हें
मैं लिखूंगा तुम्हें
हिमांशु Kulshrestha
3126.*पूर्णिका*
3126.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
जीवनसाथी
जीवनसाथी
Rajni kapoor
मेरे मन के धरातल पर बस उन्हीं का स्वागत है
मेरे मन के धरातल पर बस उन्हीं का स्वागत है
ruby kumari
भक्ति एक रूप अनेक
भक्ति एक रूप अनेक
DR ARUN KUMAR SHASTRI
कविता - नदी का वजूद
कविता - नदी का वजूद
Akib Javed
ढूंढा तुम्हे दरबदर, मांगा मंदिर मस्जिद मजार में
ढूंढा तुम्हे दरबदर, मांगा मंदिर मस्जिद मजार में
Kumar lalit
प्रेम पथ का एक रोड़ा✍️✍️
प्रेम पथ का एक रोड़ा✍️✍️
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
कोई जब पथ भूल जाएं
कोई जब पथ भूल जाएं
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
जब  भी  तू  मेरे  दरमियाँ  आती  है
जब भी तू मेरे दरमियाँ आती है
Bhupendra Rawat
Don’t wait for that “special day”, every single day is speci
Don’t wait for that “special day”, every single day is speci
पूर्वार्थ
ज़रूरी है...!!!!
ज़रूरी है...!!!!
Jyoti Khari
"सपने"
Dr. Kishan tandon kranti
डीजे
डीजे
Dr. Pradeep Kumar Sharma
चैन से जिंदगी
चैन से जिंदगी
Basant Bhagawan Roy
डाल-डाल पर फल निकलेगा
डाल-डाल पर फल निकलेगा
Anil Mishra Prahari
नारी हूँ मैं
नारी हूँ मैं
Kavi praveen charan
Loading...