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23 Oct 2020 · 1 min read

प्रतिष्ठा

प्रतिष्ठा
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जिस तरह इन दिनों
महिलाओं के साथ
दुर्व्यवहार बढ़ रहा है,
हम मस्तक शर्म से झुक रहा है।
हम सबको सोचने की जरूरत है
या हमें बेशर्मी की आदत है।
अब तो सचेत हो जाओ
बहन बेटियों की इज्ज़त
लुटने से बचाओ।
वरना वो दिन दूर नहीं
जब घर में भी
बेटियां महफूज नहीं रहेंगी,
उनके इज्ज़त की धज्जियां
हर ओर उड़ेंगी।
कब तक यूँ संवेदना जताओगे?
कब तक यूँ मोमबत्तियां जलाओगे?
अपनी बेटी सुरक्षित है,
ये सोचकर बहुत पछताओगे।
समय आ गया है जागो
आलस्य को त्यागो,
अपनी नहीं अपनी बहन बेटियों की
प्रतिष्ठा को बचाओ,
या फिर चुल्लू भर पानी में डूब जाओ।
?सुधीर श्रीवास्तव

Language: Hindi
1 Like · 2 Comments · 310 Views
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