Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
11 Sep 2018 · 1 min read

प्रतिभाओ को मत काटो,आरक्षण की तलवारों से –आर के रस्तोगी

नम्र निवेदन है मेरा भारत की इस सरकार से
प्रतिभाओ को मत काटो,आरक्षण की तलवार से

इन रेल पटरियों पर फैला,आज क्यों तमाशा है
जाट-आन्दोलन से फैली,चारो ओर निराशा है

अगला कदम पंजाबी बैठेंगे,महाविकट हडताल पर
महाराष्ट में प्रबल मराठा, चढ़ जायेगे भाल पर

राजपूत भी मचल उठेंगे,भुजबल के हथियारों से
प्रतिभाओ को मत काटो आरक्षण की तलवारो से

निर्धन ब्राह्मण वंश,एक दिन परशुराम बन जायेगा
अपने घर के दीपक से,अपना घर ही जल जायेगा

भडक उठा अगर गृह युद्ध,भूकम्प भयानक आयेगा
आरक्षण वादी नेताओ का,सर्वस्व मिटाके जायेगा

अभी सभंल जाओ मित्रो,इस स्वार्थ भरे प्यार से
प्रतिभाओ को मत काटो,आरक्षण की तलवार से

जातिवाद की नहीं समस्या,मात्र गरीबी वाद है
जो सर्वण है पर गरीब है उनका क्या अपराध है

कुचले दबे लोग जिनके,घर में न चूल्हा जलता हो
भूखा बच्चा जिस झोपडी में,लोरी सुनकर पलता हो

समय आ गया है,उनका उत्थान करो अब प्यार से
प्रतिभाओ को मत काटो,आरक्षण की तलवार से

जाति गरीबी की,कही भी, नहीं मित्रवर होती है
अधिकारी है इसका जिसके घर भूखी बच्ची सोती है

भूखे माता पिता,जहा दवाई बिना तड़फते रहते है
जातिवाद के कारण ही कितने लोग वेदना सहते है

उन्हें न वंचित करो मित्र,सरक्षण के अधिकारों से
प्रतिभाओ को मत काटो आरक्षण की तलवारों से

आर के रस्तोगी

Language: Hindi
Tag: गीत
2 Likes · 394 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Ram Krishan Rastogi
View all
You may also like:
उज्जयिनी (उज्जैन) नरेश चक्रवर्ती सम्राट विक्रमादित्य
उज्जयिनी (उज्जैन) नरेश चक्रवर्ती सम्राट विक्रमादित्य
Pravesh Shinde
मातृत्व
मातृत्व
साहित्य गौरव
मेरी भैंस को डण्डा क्यों मारा
मेरी भैंस को डण्डा क्यों मारा
gurudeenverma198
*हनुमान (बाल कविता)*
*हनुमान (बाल कविता)*
Ravi Prakash
नए साल की मुबारक
नए साल की मुबारक
भरत कुमार सोलंकी
बुद्ध की राह में चलने लगे ।
बुद्ध की राह में चलने लगे ।
Buddha Prakash
"बेताबियाँ"
Dr. Kishan tandon kranti
वर्तमान
वर्तमान
Shyam Sundar Subramanian
फूल से आशिकी का हुनर सीख ले
फूल से आशिकी का हुनर सीख ले
Surinder blackpen
मेरे वश में नहीं है, तुम्हारी सजा मुकर्रर करना ।
मेरे वश में नहीं है, तुम्हारी सजा मुकर्रर करना ।
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
#बात_बेबात-
#बात_बेबात-
*Author प्रणय प्रभात*
किसी महिला का बार बार आपको देखकर मुस्कुराने के तीन कारण हो स
किसी महिला का बार बार आपको देखकर मुस्कुराने के तीन कारण हो स
Rj Anand Prajapati
हिम बसंत. . . .
हिम बसंत. . . .
sushil sarna
ताउम्र करना पड़े पश्चाताप
ताउम्र करना पड़े पश्चाताप
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
🙅🤦आसान नहीं होता
🙅🤦आसान नहीं होता
डॉ० रोहित कौशिक
*चाटुकार*
*चाटुकार*
Dushyant Kumar
दर्द अपना है
दर्द अपना है
Dr fauzia Naseem shad
प्रणय 8
प्रणय 8
Ankita Patel
मोहब्बत से जिए जाना ज़रूरी है ज़माने में
मोहब्बत से जिए जाना ज़रूरी है ज़माने में
Johnny Ahmed 'क़ैस'
वक्त कितना भी बुरा हो,
वक्त कितना भी बुरा हो,
Dr. Man Mohan Krishna
★मृदा में मेरी आस ★
★मृदा में मेरी आस ★
★ IPS KAMAL THAKUR ★
यादों के तटबंध ( समीक्षा)
यादों के तटबंध ( समीक्षा)
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
करगिल विजय दिवस
करगिल विजय दिवस
Neeraj Agarwal
सब सूना सा हो जाता है
सब सूना सा हो जाता है
Satish Srijan
राख के ढेर की गर्मी
राख के ढेर की गर्मी
Atul "Krishn"
कमीजें
कमीजें
Madhavi Srivastava
ऐ सुनो
ऐ सुनो
Anand Kumar
2567.पूर्णिका
2567.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
हम पर कष्ट भारी आ गए
हम पर कष्ट भारी आ गए
Shivkumar Bilagrami
कहां गए (कविता)
कहां गए (कविता)
Akshay patel
Loading...