Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
4 Jul 2020 · 1 min read

प्रतिक्रिया

प्रतिक्रिया ,
तुम अब वैसी नही रही।
पहले तुम आमने सामने दिखा करती थी।
और नजरो से होते हुए
मन मे बैठ जाती थी।

तुम मेरी राह तका करती थी
कि मैं आऊंगा
और तुम्हारे साथ
अपने भाव बाँट लूंगा

अब तुम मोबाइल के
बटनों को तकती
मेरे अंगूठे की प्रतीक्षा मे हो।

इस नए अंदाज से मुझे
गुरेज तो नही।

पर वो आंखों आंखों
वाली बात ही और थी।

बात कही तो है तुमने
और वही बात कही है

बात सुनी भी है मैंने
और वही बात सुनी है

फिर भी कुछ छूट गया है
इस तरह बताने मे।

Language: Hindi
1 Like · 4 Comments · 472 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Umesh Kumar Sharma
View all
You may also like:
मैथिली पेटपोसुआ के गोंधियागिरी?
मैथिली पेटपोसुआ के गोंधियागिरी?
Dr. Kishan Karigar
💐प्रेम कौतुक-442💐
💐प्रेम कौतुक-442💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
थोड़ा सा अजनबी बन कर रहना तुम
थोड़ा सा अजनबी बन कर रहना तुम
शेखर सिंह
दोहा
दोहा
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
ज़िंदगी
ज़िंदगी
Raju Gajbhiye
आपकी खुशहाली और अच्छे हालात
आपकी खुशहाली और अच्छे हालात
Paras Nath Jha
कुदरत मुझको रंग दे
कुदरत मुझको रंग दे
Gurdeep Saggu
गुस्सा दिलाकर ,
गुस्सा दिलाकर ,
Umender kumar
क्या बचा  है अब बदहवास जिंदगी के लिए
क्या बचा है अब बदहवास जिंदगी के लिए
सिद्धार्थ गोरखपुरी
कहीं ख्वाब रह गया कहीं अरमान रह गया
कहीं ख्वाब रह गया कहीं अरमान रह गया
VINOD CHAUHAN
बेटी की शादी
बेटी की शादी
विजय कुमार अग्रवाल
विषय मेरा आदर्श शिक्षक
विषय मेरा आदर्श शिक्षक
कार्तिक नितिन शर्मा
*┄┅════❁ 卐ॐ卐 ❁════┅┄​*
*┄┅════❁ 卐ॐ卐 ❁════┅┄​*
Satyaveer vaishnav
तुमको कुछ दे नहीं सकूँगी
तुमको कुछ दे नहीं सकूँगी
Shweta Soni
जहां से चले थे वहीं आ गए !
जहां से चले थे वहीं आ गए !
Kuldeep mishra (KD)
हिरनी जैसी जब चले ,
हिरनी जैसी जब चले ,
sushil sarna
3088.*पूर्णिका*
3088.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
पुकारती है खनकती हुई चूड़ियाँ तुमको।
पुकारती है खनकती हुई चूड़ियाँ तुमको।
Neelam Sharma
करम के नांगर  ला भूत जोतय ।
करम के नांगर ला भूत जोतय ।
Lakhan Yadav
"आम"
Dr. Kishan tandon kranti
आज मानवता मृत्यु पथ पर जा रही है।
आज मानवता मृत्यु पथ पर जा रही है।
पूर्वार्थ
कुछ तो तुझ से मेरा राब्ता रहा होगा।
कुछ तो तुझ से मेरा राब्ता रहा होगा।
Ahtesham Ahmad
वो नए सफर, वो अनजान मुलाकात- इंटरनेट लव
वो नए सफर, वो अनजान मुलाकात- इंटरनेट लव
कुमार
“मैं सब कुछ सुनकर भी
“मैं सब कुछ सुनकर भी
दुष्यन्त 'बाबा'
पागल बना दिया
पागल बना दिया
Dinesh Yadav (दिनेश यादव)
#शेर
#शेर
*Author प्रणय प्रभात*
मुट्ठी में आकाश ले, चल सूरज की ओर।
मुट्ठी में आकाश ले, चल सूरज की ओर।
Suryakant Dwivedi
खिचड़ी
खिचड़ी
Satish Srijan
गाथा बच्चा बच्चा गाता है
गाथा बच्चा बच्चा गाता है
Harminder Kaur
*सबसे अच्छा काम प्रदर्शन, धरना-जाम लगाना (हास्य गीत)*
*सबसे अच्छा काम प्रदर्शन, धरना-जाम लगाना (हास्य गीत)*
Ravi Prakash
Loading...