Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
8 Jun 2021 · 2 min read

प्रतिकार

*************** प्रतिकार (लघु कथा)*****************
*************************************************

रामू श्याम सेठ के यहाँ नौकर के रूप में ईमानदारी से कार्य करता था,जिस पर सेठ खुद से ज्यादा विश्वास करता था।सेठ के तीन लड़के थे,जो किसी बड़े शहर में डॉक्टरी का कोर्स कर रहे थे।रामू का एक ही लड़का था,जिसकी पढ़ाई का सारा खर्च सेठ जी उठा रहा था,जो कि हर क्षेत्र में बहुत ही होनहार था।समय बीतता गया,सेठ जी के तीनों लड़के डॉक्टर बन गए थे,जिनकी बीबियाँ भी डॉक्टर थी और उसके तीनों बेटे अपने अपने परिवारों के साथ माता पिता को अकेले छोड़कर अलग अलग शहरों में बस गए थे।सेठ जी अपनी पत्नी सुशील के साथ अपनी पुश्तेनी हवेली में ही रह रहा था,जिसकी रामू का परिवार बड़ी शिद्दत से हर प्रकार से देखभाल कर रहा था।सेठ जी का कोई भी बेटा उनकी खबर तक पूछने नही आता था,जिसका बुजर्ग दम्पति को बहुत ही ज्यादा दुख था,जिस कारण वे औलाद वाले होकर भी बे औलाद थे।इस बीच रामू का लड़का विनय भी पढ़कर जिले का कलेक्टर बन कर उसी गांव के जिले में तैनात हो गया था,जिसकी रामू व गांववालों को बहुत ज्यादा खुशी थी। जब विनय को अपने पिता जी के माध्यम से सेठ व उसके बेटों के बारे सारी कहानी का पता चला तो वो मानसिक रूप से काफी दुखी हुआ।सेठ सेठानी दोनो बीमार रहने लगे थे।विनय उसी वक्त गांव आया और सेठ की जमीन को ठेके पर दिलवाकर अपने माता पिता सहित सेठ सेठानी अपने शहर के सरकारी आलीशान बंगले में ले गया,जिसकी उसने उसकी पत्नी ने जी भर कर सेवा करके सेठ द्वारा उसके व उसके परिवार के प्रति किये गए कार्य का प्रतिकार चुका दिया था और सेठ ने भी मरते समय अपनी सारी जमीन -जायजाद,चल-अचल सम्पति विनय के नाम कर प्रतिकार शब्द की परिभाषा ओर सम्मानजनक बना दिया था।
***************************************************
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
खेड़ी राओ वाली (कैथल)

Language: Hindi
1 Comment · 398 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
हम कोई भी कार्य करें
हम कोई भी कार्य करें
Swami Ganganiya
चांद चेहरा मुझे क़ुबूल नहीं - संदीप ठाकुर
चांद चेहरा मुझे क़ुबूल नहीं - संदीप ठाकुर
Sandeep Thakur
Ranjeet Shukla
Ranjeet Shukla
Ranjeet Kumar Shukla
भरोसा खुद पर
भरोसा खुद पर
Mukesh Kumar Sonkar
जिम्मेदारियाॅं
जिम्मेदारियाॅं
Paras Nath Jha
लैला अब नही थामती किसी वेरोजगार का हाथ
लैला अब नही थामती किसी वेरोजगार का हाथ
yuvraj gautam
जब  सारे  दरवाजे  बंद  हो  जाते  है....
जब सारे दरवाजे बंद हो जाते है....
shabina. Naaz
* संस्कार *
* संस्कार *
DR ARUN KUMAR SHASTRI
"फिकर से जंग"
Dr. Kishan tandon kranti
हाँ, क्या नहीं किया इसके लिए मैंने
हाँ, क्या नहीं किया इसके लिए मैंने
gurudeenverma198
शाहकार (महान कलाकृति)
शाहकार (महान कलाकृति)
Shekhar Chandra Mitra
3069.*पूर्णिका*
3069.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
किस्से हो गए
किस्से हो गए
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
विध्न विनाशक नाथ सुनो, भय से भयभीत हुआ जग सारा।
विध्न विनाशक नाथ सुनो, भय से भयभीत हुआ जग सारा।
संजीव शुक्ल 'सचिन'
हटा 370 धारा
हटा 370 धारा
लक्ष्मी सिंह
स्वर्गस्थ रूह सपनें में कहती
स्वर्गस्थ रूह सपनें में कहती
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
बितियाँ मेरी सब बात सुण लेना।
बितियाँ मेरी सब बात सुण लेना।
Anil chobisa
पाप का भागी
पाप का भागी
Dr. Pradeep Kumar Sharma
यही वह सोचकर हमको, कभी वनवास देता है(मुक्तक)
यही वह सोचकर हमको, कभी वनवास देता है(मुक्तक)
Ravi Prakash
ख़याल
ख़याल
नन्दलाल सुथार "राही"
उम्मीद
उम्मीद
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
#लघुकथा / #सबक़
#लघुकथा / #सबक़
*Author प्रणय प्रभात*
*** अंकुर और अंकुरित मन.....!!! ***
*** अंकुर और अंकुरित मन.....!!! ***
VEDANTA PATEL
दुनिया बदल गयी ये नज़ारा बदल गया ।
दुनिया बदल गयी ये नज़ारा बदल गया ।
Phool gufran
हाथों की लकीरों तक
हाथों की लकीरों तक
Dr fauzia Naseem shad
प्रभु शरण
प्रभु शरण
चक्षिमा भारद्वाज"खुशी"
🌹पत्नी🌹
🌹पत्नी🌹
Dr Shweta sood
*अज्ञानी की कलम*
*अज्ञानी की कलम*
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
देव विनायक वंदना
देव विनायक वंदना
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
तुम मेरा साथ दो
तुम मेरा साथ दो
Surya Barman
Loading...