Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
15 Jun 2019 · 1 min read

” प्रजातंत्र की मार बड़ी है ” !!

कैसी यह तकरार छिड़ी है ,
प्रजातन्त्र की मार बड़ी है !!

सब अपने , समभाव दिखे ना ,
व्यापकता का भाव कहाँ है !
सबके अपने स्वार्थ सजे हैं ,
सबकी अपनी चाह यहाँ है !
मनमाने से हुए आचरण ,
लगे टूटती आज लड़ी है !!

अधिकारों की मांग उठे तो ,
खड़ा प्रशासन सीना ताने !
टोली टोली डोले जनता ,
किस्से रोज़ के हैं मनमाने !
कौन सुने है यहाँ कराहें ,
बस गरीब को मार पड़ी है !!

पीड़ित पक्ष रहे दुबका बस ,
आंदोलन की राह न पकड़े !
सरकारें मजबूत अगर हैं ,
कानूनों के पाश में जकड़े !
कब तक चुप्पी जन जन साधे ,
आज राह में अड़ी खड़ी है !!

अहंकार में राह न सूझे ,
बनती बात बिगड़ जाती है !
समाधान है बड़ा ज़रूरी ,
नज़रें अकसर लड़ जाती हैं !
प्रेमभाव पनपे अपनों में ,
सभी चाहते यही झड़ी है !!

स्वरचित / रचियता :
बृज व्यास
शाजापुर ( मध्यप्रदेश )

Language: Hindi
Tag: गीत
1 Like · 385 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
हमारे प्यार का आलम,
हमारे प्यार का आलम,
Satish Srijan
मतदान और मतदाता
मतदान और मतदाता
विजय कुमार अग्रवाल
रिशतों का उचित मुल्य 🌹🌹❤️🙏❤️
रिशतों का उचित मुल्य 🌹🌹❤️🙏❤️
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
एक मुलाकात अजनबी से
एक मुलाकात अजनबी से
Mahender Singh
लग जाए गले से गले
लग जाए गले से गले
Ankita Patel
कुंडलिया छंद *
कुंडलिया छंद *
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
प्रतीक्षा
प्रतीक्षा
Shyam Sundar Subramanian
ज़िंदगी आईने के
ज़िंदगी आईने के
Dr fauzia Naseem shad
झूठा फिरते बहुत हैं,बिन ढूंढे मिल जाय।
झूठा फिरते बहुत हैं,बिन ढूंढे मिल जाय।
Vijay kumar Pandey
सुर्ख चेहरा हो निगाहें भी शबाब हो जाए ।
सुर्ख चेहरा हो निगाहें भी शबाब हो जाए ।
Phool gufran
फूलों की ख़ुशबू ही,
फूलों की ख़ुशबू ही,
Vishal babu (vishu)
*शिव शक्ति*
*शिव शक्ति*
Shashi kala vyas
बच्चे बूढ़े और जवानों में
बच्चे बूढ़े और जवानों में
विशाल शुक्ल
*गुरु (बाल कविता)*
*गुरु (बाल कविता)*
Ravi Prakash
सपनों का राजकुमार
सपनों का राजकुमार
Dr. Pradeep Kumar Sharma
बिखरी बिखरी जुल्फे
बिखरी बिखरी जुल्फे
Khaimsingh Saini
यही रात अंतिम यही रात भारी।
यही रात अंतिम यही रात भारी।
Kumar Kalhans
छुप जाता है चाँद, जैसे बादलों की ओट में l
छुप जाता है चाँद, जैसे बादलों की ओट में l
सेजल गोस्वामी
चुन्नी सरकी लाज की,
चुन्नी सरकी लाज की,
sushil sarna
जिन्दगी में फैसले अपने दिमाग़ से लेने चाहिए न कि दूसरों से पू
जिन्दगी में फैसले अपने दिमाग़ से लेने चाहिए न कि दूसरों से पू
अभिनव अदम्य
पूजा
पूजा
ओमप्रकाश भारती *ओम्*
"तवा और औरत"
Dr. Kishan tandon kranti
Mukkadar bhi kya chij h,
Mukkadar bhi kya chij h,
Sakshi Tripathi
💐प्रेम कौतुक-428💐
💐प्रेम कौतुक-428💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
#दोहा
#दोहा
*Author प्रणय प्रभात*
लीजिए प्रेम का अवलंब
लीजिए प्रेम का अवलंब
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
कविता
कविता
Shiva Awasthi
खुदा ने तुम्हारी तकदीर बड़ी खूबसूरती से लिखी है,
खुदा ने तुम्हारी तकदीर बड़ी खूबसूरती से लिखी है,
Sukoon
Jeevan ka saar
Jeevan ka saar
Tushar Jagawat
रमेशराज के शिक्षाप्रद बालगीत
रमेशराज के शिक्षाप्रद बालगीत
कवि रमेशराज
Loading...