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1 Apr 2018 · 1 min read

प्रकृति

प्रकृति

प्रकृति का करलो सब वंदन,,,,,
ये मानव जाति ही नही सर्व सृष्टि के लिए हैं चंदन।।।।

इसकी ही छाँव तले हमारा जीवन पले है,,,,,,
इससे सच्ची दोस्ती निभाना यही अरमान हम दिल मे लिये हैं।।

प्रकृति ने हमे सुंदर सागर झरनें दिये,,,,,,
सोचों जरा हमने प्रकृति को क्या दिये,,,,,,,

प्रकति ने हमें अपार हरयाली पेड़ दिये,,,,,
सोचों जरा हमने इन्हें काट कर क्या किये,,,,,,,

प्रकृति ने हमे नदी पहाड़ दिये,,,,
सोचों जरा हमने हर जगह खनन क्यों किये????

प्रकृति ने हमे शुद्ध प्राण वायु दिये,,,,,,
सोचों जरा हमने क्यों इतने प्रदूषण किये,,,,,,,,,,,

प्रकृति ने हमे नाना प्रकार के जीव जंतु दिये,,,,
सोचों जरा हमनें इन्हें क्यों मार दिये,,,,,,,,,

प्रकृति ने हमें फल सब्जी फूल दिये,,,,,,,,,
सोचों जरा हमने क्यो इन्हें बरबाद किये,,,,,,,,,

प्रकृति ने हमे जंगल घाटी दिये,,,,,,
सोचों जरा हमने क्यों इनका सफ़ाया किये,,,,,,,,

प्रकृति ने हम शुद्ध जल पीने योग्य दिये,,,,,,,
सोचों जरा हमने क्यों इनमें मल मूत्र किये,,,,,,,,,

प्रकृति ने हमें ये हसींन वादियां दिये,,,,,,,
सोचों जरा हमने क्यों इनमें धुंआ प्रदूषण किये,,,,,,,,

प्रकृति ने हमें हर तरह से संवारा हैं,,,,,,
सोचों जरा हमने बदले में क्या किया है,,,,,,,,

आज अगर नदी, नालों,झरनों का अमूल्य नीर बर्बाद हुआ है,,,,,,,,
तो सब मानव का ही किया धरा हैं।।।। ।।

प्रकृति की हर चीज बहुमूल्य है सभी जानलो,,,,,
वक्त रहते हर इंसान इसकी कीमत पहचान लो।।।।

जितना भी लिखू प्रकृति के बारे में कम पड़ता है,,,,,,,,
शब्द तो क्या मुझे मुझ पर ही बड़ा अफसोस होता है।।।

रचनाकार-गायत्री सोनू जैन
सहायक अध्यापिका मंदसौर
मोबाइल नंबर 7772931211
कॉपीराइट सुरक्षित

Language: Hindi
477 Views
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