प्यासी बैरन
ओ बेरिया तेरी …बैरन प्यासी …2
बहुत दिनों से दर नहीं भटके ..
बैरन रहत उदासी ….
ओ बेरिया तेरी बैरन प्यासी ..2
दिन बतियों के बीत गए हैं ..
चंद दिनों को याद किये हैं ।
अब तो आजा ..याद में तेरी ..
हमने भी ढेरों जुल्म सहे हैं ।।
ओ बेरिया तेरी .. बैरन प्यासी …2
याद तुझे क्या अब नहीं आती ..
कहता था पहले क्यों जल्दी आती ।
विरह में तेरी …..
हमने आंसू पिये हैं ।।
ओ बेरिया तेरी ..बैरन प्यासी ..2
हुई जोगिनी तेरे प्यार में .
तूने भी मुझको राह में छोड़ा ।
तुझसे प्यार का मिला सिला ये ..
करें शिकायत …क्या अब तेरी ..
ओ बेरिया तेरी …बैरन प्यासी ..2
बहुत दिनों से..दर नहीं भटके ..2
बैरन रहत उदासी …
ओ बेरिया तेरी बैरन प्यासी ….।।
(C) राजकुमार सिंह बौद्ध (C)
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