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13 Aug 2020 · 1 min read

प्यार

ये
प्यार
सहेली
मन भाए
या है पहेली
समझ न आए
सोचूं बैठी अकेली

ये
प्यार
सहारा
निरंतर
बहती धारा
जपता मंतर
हर सांस हमारा

ये
प्यार
किनारा
डोल रहा
नाव हमारा
है बेपरवाह
जो मल्लाह हमारा

ये
प्यार
बांसुरी
राधा कृष्ण
मैं और तुम
बनें युग युग
बजे जीवन धुन

ये
प्यार
है आस
ज्यों मल्हार
गाकर खास
बुझाता है मेघ
धरा की सारी प्यास

(Tried new style of writing… पिरामिड )

Language: Hindi
7 Likes · 8 Comments · 367 Views
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