“”प्यार में सब कुछ पाया””
स्नेह गीत — —————!
तुमने मेरा,
दिल था चुराया।
मैंने भी तुमको,
अपना बनाया।
हमें तो रास था आया ,प्यार में सब कुछ पाया।।
(१) पहली नजर जब,
तुमसे मिली थी।
दिल की मेरे,
कलियां खिली थी।।
फिर तो हम तुम,
मिलने लगे थे।
चर्चे प्यार के,
चलने लगे थे।।
साथ दोनों को भाया, प्यार में सब कुछ पाया।।
(२) बढ़ने लगा अब,
अपना मिलन था।
सुंदर कितना,
वह उपवन था।।
मेरा आना तेरा आना,
खुशियों के पल
संग में बिताना।।
नेह का गीत था गाया, प्यार में सब कुछ पाया।।
(३) चलता रहे यारो,
जीवन ऐसा।
प्यार किया था,
हमने जैसा।।
एक दूजे के,
तुम हो जाना।
अपना जीवन,
सुख से बिताना।।।
मजा जीने का आया, प्यार में सब कुछ पाया।।
राजेश व्यास अनुनय