प्यार में तकरात
विषय:प्यार में तक़रार
दिन-शुक्रवार
विधा:कविता
तुम मुझसे यूँ
रूठ जाया न करो ।
मेरी बातो को गलत समझ,
यूँ झुठलाया न करो
प्यार में तकरार भी जरूरी है।
हम दोनो गैर नहीं है,
ओर अनजाने भी तो नही हैं।
अपनी गलती भी हम समझते हैं
बस दोनों नादान जरूर हैं।।
प्यार में तकरार भी जरूरी है।
आप को मेरी बातें न जाने क्यो
खटकती रहती हैं अक्सर
पर इसमें सच्चाई है,की प्यार गहरा है
अंतिम हद तक भरपूर बना भी रहेगा
प्यार में तकरार भी जरूरी है।
सोचो गलती पर ,अपनी अपनी
यूँ पछताया न करो तुम अकेले में
प्यार और टकरार तो जरूरी हैं
एक दूजे के लिए साथ देने को
प्यार में तकरार भी जरूरी है।
बातों को यूँ ठुकराया न करो
ध्यान तो जरा लगाया करो
साथ देना है अब तो जीवन भर यूँ ही
मत हटना अब तो पीछे कभी
प्यार में तकरार भी जरूरी है।
डॉ मंजु सैनी
गाज़ियाबाद