प्यार माँ का तो दुनिया में है कीमती
दिल तो दिल है इसे मत खिलौना करो
फूल पे कांटों के मत बिछौना करो
पहले तो तुम निशाने -को- पक्का करो
फिर चलाना है तो तीर —– सीधा करो
?
चाहता हूँ तुम्हें मैं —— दिलो जान से
है मुनासिब के तुम —- आज वादा करो
?
घूमते हो सदा —– तुम तो गैरों के संग
कुछ तो रुसवाई का — ख़्याल लाया करो
??
प्यार मां का तो —- दुनिया में है कीमती
मां के चरणों में —- में सर को झुकाया करो
??
हैं जहां पे क़दम मां — – के जन्नत वहीं
बात हरगिज़ न ——तुम ये भुलाया करो
???
सारी खुशियां — ज़माने की मिल जाएंगी
भूल कर दिल न —-मां का दुखाया करो
. ??
आपका भी सहारा —– —–बनेगा प्रीतम
गिरते को भी कभी ——-तुम उठाया करो