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7 Feb 2018 · 1 min read

प्यार करना अगर है

मापनी- 212 212 212 212

प्यार करना अगर है जिगर चाहिए.
पार करना हो’ दरिया हुनर चाहिए.

हौसले ही न काफ़ी हैं’ इस राह में,
ज़िंदगी को ख़ुदा की महर चाहिए.

जो चुनी राह तुमने है’ काँटों भरी,
हर क़दम दुश्मनों की ख़बर चाहिए.

है मुहब्बत की परवाज़ लंबी तभी,
आशियाँ को मुक़म्मल शजर चाहिए.

ये जमाना परखता है सालों तलक,
फन ज़माना झुके इस क़दर चाहिए.

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