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13 Dec 2020 · 1 min read

#कविता//प्यार

#प्यार (उल्लाला छंद में)

आँखों से आँखें मिली , प्यार हुआ दीदार में।
सागर जैसा दिल लिए , डूबे मन विस्तार में।।

इक दूजे के भाव इक , समझें हम इज़हार में।
चाँद चाँदनी हो गये , मिलके नभ संसार में।

हँसना गाना प्यार से , पलपल बीते प्यार में।
सूर्य रोशनी से लगें , दोनों लाख़ हज़ार में।।

समझ समझ यूँ दिन कटें , खिलते फूल बहार में।
रहे ज़िंदगी गुलज़ार तो , मज़ा जीत-सा हार में।।

तेरा मेरा सोच के , डूबे मन मझधार में।
मोती गोताखोर पर , बढ़ती कला निखार में।।

‘प्रीतम’ प्रीतम सब रहें , प्यार रखे इतबार में।
प्यार से सब काम हों , प्यार हृदय शृंगार में।।

#सर्वाधिकार सुरक्षित रचना
#कवि-आर.एस.’प्रीतम’

Language: Hindi
2 Comments · 427 Views
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