Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
27 Jul 2016 · 1 min read

प्यारे भइया

प्यारे भइया

प्यारे भइया
कैसे हो तुम?
तुम्हें देखने की
तुमसे बतियाने की
तुम्हारे संग-संग बड़े होने की
रुठने मनाने की
बहुत तमन्ना थी मेरे मन में।
मैं चाहती थी तुम्हारी तरह
घर के आंगन में खेलूं
माॅं की छाती से चिपककर
कभी हंसू, कभी रो दूं।

भइया
मैं चाहती थी कि
तुम्हारी तरह स्कूल जाउूं
पढ़लिखकर
बैछेन्दीपाल, पी.टी. उषा,
कल्पना चावला
सानिया मिर्जा, अंजू बाबीजार्ज
सरीखा नाम कमाउं।

देना चाहती थी आकार
मैं अधुबुने सपनों को
होना चाहती थी परिचित
जगत की आबौहवा से
चाहती थी उडना
अनन्त आकाश से आगे।

देखना चाहती थी तुम्हें करीब से
चलना चाहती उंगली पकड़कर
तुम्हारे संग
लेकिन अचानक क्रूर हाथों ने
तोड़ दी मेरी आस
बंद करदी मेरी सांस
मिटा दिया मेरे सपनों को
एक ही झटके के साथ।

देखती क्या हूॅं
अपनों के ही हाथ रंगे हैं
मेरे लहू से
मां के गर्भ में लिंग जांच कर
मिटा दिया मुझे
लड़की होना ही था
शायद मेरा अपराध।

दुनियां देखने के अरमान
आकाश से आगे उड़ने के सपने
अधूरे ही रह गये,
मेरे अपने ही मेरे बैरी बन गये।

मेरे भइया
अपनी इस अजन्मी बहन की
एक बात
तुम जरूर याद रखना
यदि कभी तुम्हारे कोई लड़की हो
उसकी भू्रण हत्या मत करना
तुम उसकी हत्या मत करना।

Language: Hindi
769 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
माटी कहे पुकार
माटी कहे पुकार
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
बेचारा जमीर ( रूह की मौत )
बेचारा जमीर ( रूह की मौत )
ओनिका सेतिया 'अनु '
दोहा-
दोहा-
दुष्यन्त बाबा
*पत्थरों  के  शहर  में  कच्चे मकान  कौन  रखता  है....*
*पत्थरों के शहर में कच्चे मकान कौन रखता है....*
Rituraj shivem verma
सिलसिला
सिलसिला
Ramswaroop Dinkar
ज़िन्दगी वो युद्ध है,
ज़िन्दगी वो युद्ध है,
Saransh Singh 'Priyam'
अफवाह आजकल फॉरवर्ड होती है(हास्य व्यंग्य)*
अफवाह आजकल फॉरवर्ड होती है(हास्य व्यंग्य)*
Ravi Prakash
बिन गुनाहों के ही सज़ायाफ्ता है
बिन गुनाहों के ही सज़ायाफ्ता है "रत्न"
गुप्तरत्न
मन के झरोखों में छिपा के रखा है,
मन के झरोखों में छिपा के रखा है,
अमित मिश्र
हार को तिरस्कार ना करें
हार को तिरस्कार ना करें
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
सप्तपदी
सप्तपदी
Arti Bhadauria
💐प्रेम कौतुक-517💐
💐प्रेम कौतुक-517💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
जो रास्ते हमें चलना सीखाते हैं.....
जो रास्ते हमें चलना सीखाते हैं.....
कवि दीपक बवेजा
*अज्ञानी की कलम*
*अज्ञानी की कलम*
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी
2736. *पूर्णिका*
2736. *पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
*सखी री, राखी कौ दिन आयौ!*
*सखी री, राखी कौ दिन आयौ!*
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
#लघुकथा
#लघुकथा
*Author प्रणय प्रभात*
पितृ दिवस
पितृ दिवस
Ram Krishan Rastogi
"स्मार्ट विलेज"
Dr. Kishan tandon kranti
हे राम,,,,,,,,,सहारा तेरा है।
हे राम,,,,,,,,,सहारा तेरा है।
Sunita Gupta
वो जाने क्या कलाई पर कभी बांधा नहीं है।
वो जाने क्या कलाई पर कभी बांधा नहीं है।
सत्य कुमार प्रेमी
हम जंग में कुछ ऐसा उतरे
हम जंग में कुछ ऐसा उतरे
Ankita Patel
" मँगलमय नव-वर्ष-2024 "
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
अहं का अंकुर न फूटे,बनो चित् मय प्राण धन
अहं का अंकुर न फूटे,बनो चित् मय प्राण धन
Pt. Brajesh Kumar Nayak
हों जो तुम्हे पसंद वही बात कहेंगे।
हों जो तुम्हे पसंद वही बात कहेंगे।
Rj Anand Prajapati
భారత దేశ వీరుల్లారా
భారత దేశ వీరుల్లారా
डॉ गुंडाल विजय कुमार 'विजय'
कभी हुनर नहीं खिलता
कभी हुनर नहीं खिलता
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
राह नीर की छोड़
राह नीर की छोड़
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
आप मुझको
आप मुझको
Dr fauzia Naseem shad
हमारी राष्ट्रभाषा हिन्दी
हमारी राष्ट्रभाषा हिन्दी
Mukesh Kumar Sonkar
Loading...