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11 Dec 2020 · 1 min read

प्यारी सी नाजुक तितली

*** प्यारी सी नाजुक तितली **
*************************

तेरे सुन्दर तन पर जो है तितली
मेरे तन पर पर हैं गरजी बिजली

अलसाई और शर्म से शर्मायी सी
अंजाने डर से सहमी सी तितली

अंदर दूर गहराई में छुप रहती है
किसी हाथ नहीं आती है तितली

रमणीय क्षेत्र में दिखे रमणीक सी
रेशम से धागों में सी घिरी तितली

काले ने कानन में मंडराता रहता
आशिक भौरें हाथ न लगे तितली

नाजुक से तल पर रहती चिपकी
उपासक की उपासना में तितली

मनसीरत हाथ क्या लग पाएगी
वो सुंदर प्यारी नाजुक सी तितली
**************************
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
खेड़ी राओ वाली (कैथल)

Language: Hindi
1 Like · 221 Views
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