Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
1 Sep 2016 · 1 min read

पैगाम

हवाओं से मिला पैगाम मै घबरा गया ।
मुझे तुमने दी आवाज लो मै आ गया ।।

कब से लगाये था आस तेरे मिलन की
जब आई वो घडी देख मै शरमा गया ।।

जरुरत क्या मुझे अब किसी कायनात की
जमाने की खुबसूरत सौगात आज में पा गया ।।

अगर जलते है दुनिया वाले तो जलने दे
छोड़ जग की रवायत जीने का मजा आ गया ।।

किसको सुने, किसको चुने ‘धर्म’ शंशय में
बस ले “नानक” का नाम मै फकीरा आ गया।।



डी के निवातियाँ
FacebookTwitterGoogle+PinterestWhatsApp

528 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
ग़ज़ल
ग़ज़ल
कवि रमेशराज
■ भगवान भला करे वैज्ञानिकों का। 😊😊
■ भगवान भला करे वैज्ञानिकों का। 😊😊
*Author प्रणय प्रभात*
सुनो पहाड़ की....!!! (भाग - १)
सुनो पहाड़ की....!!! (भाग - १)
Kanchan Khanna
The only difference between dreams and reality is perfection
The only difference between dreams and reality is perfection
सिद्धार्थ गोरखपुरी
किताब
किताब
Neeraj Agarwal
"तुम्हें राहें मुहब्बत की अदाओं से लुभाती हैं
आर.एस. 'प्रीतम'
हर रोज़
हर रोज़
Dr fauzia Naseem shad
नज़्म - झरोखे से आवाज
नज़्म - झरोखे से आवाज
रोहताश वर्मा 'मुसाफिर'
रोबोटिक्स -एक समीक्षा
रोबोटिक्स -एक समीक्षा
Shyam Sundar Subramanian
कहे महावर हाथ की,
कहे महावर हाथ की,
sushil sarna
कुंंडलिया-छंद:
कुंंडलिया-छंद:
जगदीश शर्मा सहज
3155.*पूर्णिका*
3155.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
सहारा...
सहारा...
Naushaba Suriya
আজ রাতে তোমায় শেষ চিঠি লিখবো,
আজ রাতে তোমায় শেষ চিঠি লিখবো,
Sakhawat Jisan
कर दिया समर्पण सब कुछ तुम्हे प्रिय
कर दिया समर्पण सब कुछ तुम्हे प्रिय
Ram Krishan Rastogi
अगर तोहफ़ा देने से मुहब्बत
अगर तोहफ़ा देने से मुहब्बत
shabina. Naaz
Thought
Thought
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
आपकी अच्छाईया बेशक अदृष्य हो सकती है
आपकी अच्छाईया बेशक अदृष्य हो सकती है
Rituraj shivem verma
भरी महफिल
भरी महफिल
Vandna thakur
मुक्त पुरूष #...वो चला गया.....
मुक्त पुरूष #...वो चला गया.....
Santosh Soni
आंखों में
आंखों में
Surinder blackpen
तुम ढाल हो मेरी
तुम ढाल हो मेरी
गुप्तरत्न
छह घण्टे भी पढ़ नहीं,
छह घण्टे भी पढ़ नहीं,
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
डॉ अरुण कुमार शास्त्री - एक अबोध बालक अरुण अतृप्त
डॉ अरुण कुमार शास्त्री - एक अबोध बालक अरुण अतृप्त
DR ARUN KUMAR SHASTRI
बाबू
बाबू
Ajay Mishra
9. पोंथी का मद
9. पोंथी का मद
Rajeev Dutta
नारी बिन नर अधूरा🙏
नारी बिन नर अधूरा🙏
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
बीत गया प्यारा दिवस,करिए अब आराम।
बीत गया प्यारा दिवस,करिए अब आराम।
ओम प्रकाश श्रीवास्तव
चेहरा देख के नहीं स्वभाव देख कर हमसफर बनाना चाहिए क्योंकि चे
चेहरा देख के नहीं स्वभाव देख कर हमसफर बनाना चाहिए क्योंकि चे
Ranjeet kumar patre
लम्हें हसीन हो जाए जिनसे
लम्हें हसीन हो जाए जिनसे
शिव प्रताप लोधी
Loading...