पेड़ न तुम काटो
पेड़ न तुम काटो,
यही संदेश बांटो ।
पेड़ हमारे…..
धरती के है रक्षक,
प्रदूषण के भक्षक ।
धूप में सबको छाया देते ,
तुम मजे से मीठे फल खाते ।
पंछी पेड़ो पर बनाते बसेरा,
और पंथी का बनते सहारा ।
बारिस को पास बुलाते,
सबके मन को भाते ।।
यदि तुम….
काटोगे जब तुम पेड़,
प्रकृति से करोगे छेड़ ।
फिर तुम सुनलो जरा,
बंजर होगी यह धरा ।
तरसेंगे बूँद बूँद पानी,
होगी बड़ी परेशानी ।
मचेगा चहुँओर कोहराम,
रुक जाएंगे सबके काम ।
होगा अंत जीवन का ,
होगा अंत जीवन का ।
इसलिए….
पेड़ लगाओ,
धरा को बचाओ ।
अब न तुम पेड़ काटो,
सबको यही संदेश बांटो ।
।।।जे पी लववंशी, हरदा, “जेपीएल”।।।