Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
29 Dec 2018 · 3 min read

पूजा के फूल

माँ बेटी की कहानी जो आपको शिक्षा देगी.

मां ने अपने बेटे अमन को बड़े ही प्यार से उठाकर, उसे उसके जन्मदिन की मुबारकबाद देते हुए कहा कि अब जल्दी से उठ जाओ, देखो सूरज निकल आया है। अमन ने मां से कहा कि आपको सूरज के जल्दी निकलने का तो मालूम है लेकिन आप शायद यह नहीं जानतीं कि वो सोता भी तो मुझसे पहले है। बेटा, आज घर में तेरे जन्मदिन की पूजा रखवाई है। तू जल्दी से नहाकर मुझे पूजा के फूल ला दे। अमन ने मसखरी करते हुए पूछा कि मां कौन-सी पूजा के फूल चाहिये, पूजा बेदी के या पूजा भट्ट के। मां को थोड़ा तल्ख होते हुए कहना पड़ा कि हर समय मज़ाक अच्छा नहीं लगता। तू सामने वाले पार्क से अच्छे-अच्छे फूल तोड़कर ला दे, लेकिन एक बात का ध्यान रखना कि कालोनी के प्रधान वहां ना बैठे हां। मां अगर बैठे भी हों, तो हमें क्या फर्क पड़ता है, यह पार्क कोई उनका निजी तो है नहीं।

मां ने बेटे को समझाया कि यह बात नहीं है। असल में सारे बाग-बगीचे की देखरेख प्रधान जी ही करते हैं। वो हर पौधे को अपने बच्चों की तरह संभालकर पालते हैं। इसलिये जब कोई फूल तोड़ता है तो उन्हें बहुत तकलीफ होती है। फिर अगर वो पार्क में बैठे हां तो मैं फूल कैसे तोड़ूंगा, बेटे ने पूछा? मां ने कहा, ‘तू उन्हें किसी बहाने से पार्क के बाहर भेज देना।’ कुछ देर बाद जब अमन पार्क में फूल तोड़ने के लिये पहुंचा तो उसने देखा कि प्रधान जी सामने बैंच पर बैठे हुए हैं। अमन ने होशियारी दिखाते हुए कहा कि अंकल आपको घर में बुला रहे हैं। प्रधान अंकल जल्दी से अपने घर की ओर चले गये। अमन ने पार्क से अच्छे-अच्छे ढेर सारे फूल तोड़कर अपना थैला भर लिया, घर आते ही इतने खुशबूदार फूल देखकर अमन की मम्मी बहुत खुश हुई। अमन का ध्यान जैसे ही सामने पड़े लड्डुओं के थाल की ओर गया तो उसने उसमें से झट एक लड्डू उठा लिया। उसकी मम्मी ने कहा कि बेटा यह क्या कर रहे हो, यह तो प्रसाद है। अगर तुमने यह झूठा कर दिया तो भगवान जी नाराज हो जायेंगे। अमन ने पूछा, लेकिन भगवान को कैसे मालूम पड़ेगा कि मैंने प्रसाद के थाल में से एक लड्डू खा लिया है। मम्मी ने प्यार से समझाया कि भगवान हमारे हर कर्म को देखते रहते हैं।

कुछ देर बाद अमन के घर में उसके जन्मदिन की पूजा शुरू हो गई। सारा परिवार पूजा में शामिल हो गया, परंतु अमन उदास-सा अपने कमरे में जा बैठा। कई बार बुलाने पर भी वो पूजा में शामिल नहीं हुआ। जब पूजा खत्म हो गई तो पुजारी जी ने अमन से उसकी उदासी का कारण पूछा। अमन ने कहा कि ऐसी पूजा का क्या फायदा, जिसको करने के लिये हम समाज के साथ भगवान को भी धोखा दे रहे हैं। एक तरफ तो मेरी मम्मी कहती हैं कि भगवान हर समय हमारे साथ रहते हैं और हमारी हर अच्छी-बुरी बात पर नज़र रखते हैं। दूसरी ओर मुझे झूठ बोलने और चोरी करने के लिये कहती हैं। आज हमने यह जो फूल चोरी करके भगवान को अर्पण किये हैं, क्या इसके बदले वो मुझे सच में कोई अच्छा-सा आशीर्वाद देंगे? पुजारी जी ने कहा कि आज तक तो मैं दुनिया को ज्ञान-ध्यान की बातें समझाता रहा हूं, परंतु आज इस नन्हे से बालक की बातें सुनकर मेरी भी आंखें खुल गई हैं। मैं वादा करता हूं कि आज से अपने हर प्रवचन में सभी भक्तजनों को यह बात जरूर समझाऊंगा कि यदि हम पेड़-पौधे लगा नहीं सकते तो हमें उन पर लगे हुए फूलों को तोड़ने का भी कोई हक नहीं बनता।

अमन की बातों से प्रभावित होकर जौली अंकल भी यह प्रण लेते हैं कि आज के बाद मुझे जब भी ईश्वर के चरणों में फूल अर्पित करने होंगे तो मैं उन्हें अपनी मेहनत से लगाए हुए बगीचे से लाऊंगा या अपनी नेक कमाई से खरीदकर क्योंकि यह बात सच है कि भगवान चोरी की कोई भी चीज कभी स्वीकार नहीं करते फिर चाहे वो पूजा के फूल ही क्यों ना हों।

जो फूलों को बर्बाद करे वह किसी भी सूरत में बाग का रखवाला नहीं हो सकता।

Language: Hindi
3 Likes · 1 Comment · 1852 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
करवाचौथ
करवाचौथ
Dr Archana Gupta
चित्रकार उठी चिंकारा बनी किस के मन की आवाज बनी
चित्रकार उठी चिंकारा बनी किस के मन की आवाज बनी
प्रेमदास वसु सुरेखा
राह हमारे विद्यालय की
राह हमारे विद्यालय की
bhandari lokesh
ड्यूटी
ड्यूटी
Dr. Pradeep Kumar Sharma
विश्वास किसी पर इतना करो
विश्वास किसी पर इतना करो
नेताम आर सी
जिंदगी को हमेशा एक फूल की तरह जीना चाहिए
जिंदगी को हमेशा एक फूल की तरह जीना चाहिए
शेखर सिंह
सावन‌ आया
सावन‌ आया
Neeraj Agarwal
अस्तित्व
अस्तित्व
Shyam Sundar Subramanian
Navratri
Navratri
Sidhartha Mishra
मेरे शीघ्र प्रकाश्य उपन्यास से -
मेरे शीघ्र प्रकाश्य उपन्यास से -
kaustubh Anand chandola
श्रेष्ठता
श्रेष्ठता
Paras Nath Jha
दुनिया भी तो पुल-e सरात है
दुनिया भी तो पुल-e सरात है
shabina. Naaz
Dr Arun Kumar shastri
Dr Arun Kumar shastri
DR ARUN KUMAR SHASTRI
अर्ज है
अर्ज है
Basant Bhagawan Roy
जब भी
जब भी
Dr fauzia Naseem shad
जहां से चले थे वहीं आ गए !
जहां से चले थे वहीं आ गए !
Kuldeep mishra (KD)
#ग़ज़ल-
#ग़ज़ल-
*Author प्रणय प्रभात*
* बहुत खुशहाल है साम्राज्य उसका
* बहुत खुशहाल है साम्राज्य उसका
Shubham Pandey (S P)
*पाकिस्तान में रह गए हिंदुओं की पीड़ा( तीन* *मुक्तक* )
*पाकिस्तान में रह गए हिंदुओं की पीड़ा( तीन* *मुक्तक* )
Ravi Prakash
ॐ
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
तंग गलियों में मेरे सामने, तू आये ना कभी।
तंग गलियों में मेरे सामने, तू आये ना कभी।
Manisha Manjari
‘ विरोधरस ‘---2. [ काव्य की नूतन विधा तेवरी में विरोधरस ] +रमेशराज
‘ विरोधरस ‘---2. [ काव्य की नूतन विधा तेवरी में विरोधरस ] +रमेशराज
कवि रमेशराज
तुम से प्यार नहीं करती।
तुम से प्यार नहीं करती।
लक्ष्मी सिंह
+जागृत देवी+
+जागृत देवी+
Ms.Ankit Halke jha
*हिंदी मेरे देश की जुबान है*
*हिंदी मेरे देश की जुबान है*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
"मार्केटिंग"
Dr. Kishan tandon kranti
गरीबों की जिंदगी
गरीबों की जिंदगी
Dinesh Yadav (दिनेश यादव)
लाखों ख्याल आये
लाखों ख्याल आये
Surinder blackpen
दिल  में हसरत  जगे तो दबाना नहीं।
दिल में हसरत जगे तो दबाना नहीं।
सत्येन्द्र पटेल ‘प्रखर’
जाने कहाँ से उड़ती-उड़ती चिड़िया आ बैठी
जाने कहाँ से उड़ती-उड़ती चिड़िया आ बैठी
Shweta Soni
Loading...