पुष्प तुझको अर्पण कर सकूं मैं
1.
पुष्प तुझको अर्पण कर सकूं मैं
जीवन अपना तुझ पर न्योछावर
हे जगत जननी मातु शारदे
ऐसा मेरा सौभाग्य कर
2.
धन संपत्ति सब यहीं रह जायेगा
तूने सत्कर्म जो न किये तो क्या पायेगा
विकसित कर कर्म और धर्म राह तू
तेरा जीवन उस परमेश्वर की पूँजी हो जाएगा