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2 Aug 2020 · 1 min read

पुरूष

क्योंकि
मैं पुरूष हूँ
तो
मुझे
हक़ है
स्त्रियों पे
लांछन लगाने का
उन्हें मारने का
उन्हें सताने का
उन्हें हथियाने का
उनके शोषण का
और वो सब करने का
जिससे
उन्हें
नीचा दिखा सकूँ।
कारण
है कि
उनके जैसा
कोई महान
कृत्य
मैं
नहीं कर सकता ।
कोई सुन्दरता
ही नहीं
मुझ में।
मेरे
सारे आविष्कार
मुझे चिढातें हैं।
उनके निस्वार्थ
प्रेम और समर्पण
देखकर ।
तुलना
उनकी की जाती है
धरती,फूल,चांद से
जो मुझे खलतें हैं।
इसलिए तो हम उनसे जलतें हैं
क्योंकि हम उन्हीं के कोंख में पलते हैं।
-अजय प्रसाद

Language: Hindi
3 Likes · 7 Comments · 162 Views
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