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18 Mar 2020 · 1 min read

पुराने हैं घर

कई बारिशों में हुए तर बहुत हैं
पुराने हैं घर फिर भी बेहतर बहुत हैं

अभी तक नहीं कम हुई इनकी कीमत
शहर में तो वैसे नये घर बहुत हैं

हिला न सकेगी इन्हें ये सुनामी
कि बुनियाद में इनके पत्थर बहुत हैं

है छोटा सा दरवाजा पर मत हँसो तुम
इसी दर पे आकर झुके सर बहुत हैं

सुनाई पड़ेगा गुटर गूं तुम्हें भी
मिरे घर की छत पर कबूतर बहुत हैं

तिरा घर शहर का बड़ा कीमती है
मगर तेरे इस घर में मच्छर बहुत हैं

ये है अपने पुरखों की दहलीज संजय
यहाँ छाँव देते ये छप्पर बहुत है

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