Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
21 Jan 2017 · 2 min read

पुकार- एक बेटी की

माँ…माँ…माँ ..
कौन…?
माँ…मैं हूँ तुम्हारे अंदर पल रहा…
तुम्हारा ही अंकुर…
जिसे तुमने….हाँ तुमने…
कितनी ही रातें…कितने ही दिन..
अपने अरमानों सा… पाला है…
सजाया है….
माँ मैं तुम्हारी.. हाँ तुम्हारी अपनी सन्तान….
तुम्हारी अपनी बेटी….।
जिसे तुमने ….अपने सपनों से पंख देने थे…
जिसके लिए क्या कुछ सोंचा था तुमने….
मगर क्या हुआ….जो आज तुम मुझे दुनिया में…. आने से रोंक रही हो….
माँ समझती हूँ तुम्हारा दर्द….
तुम्हे यहीं डर है न ….
तुम्हे ताने देंगे…बाबा..दादी..या वो… पड़ोस वाली ताई… मेरे पैदा होने पर…
मैं घर का चराग जो नहीं…
मैंने सुना है बाबा को कहते…कि बेटा घर रौशन करता है…
खुशियों से..अरमानों से…और हाँ कमाई से भी….
कितना मुश्किल होगा… मैं जब बड़ी होउंगी…
घर से बाहर समाज में….क्या भेड़ियों की भूखी निगाहों से…
लाज बचा पाऊँगी तेरे अरमानों की….
यहीं डर है न तुझे माँ……
तो सुन …. मैं तेरी बेटी नहीं तेरा बेटा बनूंगी…
हर कदम तेरे साथ….
तेरी आँख बनकर तुझे रौशनी दूंगी……
माँ मैं जीना चाहती हूँ….
उड़ना चाहती हूँ मुक्त आकाश में….
माँ तेरे… बाबू जी के…
सपनों को लेकर….
माँ मुझे मत मारो…मैं जीना चाहती हूँ….
तेरे घर का चिराग बनकर….
जगमगाना चाहती हूँ…..सारी दुनिया में…
कभी लक्ष्मी बाई बनकर…
कभी इंदिरा गांधी…तो कभी…
कल्पना चावला बनकर…..
माँ तू भी तो….बेटी ही है….
जरा सोंच …अगर….
नानी तुझे दुनिया में न आने देती….
तो क्या आज तू होती….
नहीं माँ नहीं…..
मुझे मत मारो….मुझे जीना है….
उड़ना है मुक्त आकाश में…
अपनी मुट्ठी में ढेरों तारे लिए……
चमकना है खुद एक सितारा बनकर….
माँ तेरी और बाबा की आँखों का…
तारा बनकर….
बोल माँ जीने देगी मुझे….
बोल उड़ने देगी मुझे….
क्या मेरा हक देगी मुझे….
बोल…माँ बोल…
जीने देगी मुझे …?
मैं जीना चाहती हूँ माँ …
मुझे जीने दे….मुझे जीने दे माँ…
माँ …माँ…बोल न माँ…बोल माँ बोल….
माँ….माँ….माँ….

राहुल द्विवेदी ‘स्मित’
लखनऊ
7499776241

Language: Hindi
1 Like · 1 Comment · 724 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
करनी होगी जंग
करनी होगी जंग
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
2450.पूर्णिका
2450.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
Tea Lover Please Come 🍟☕️
Tea Lover Please Come 🍟☕️
Urmil Suman(श्री)
रमेशराज की तीन ग़ज़लें
रमेशराज की तीन ग़ज़लें
कवि रमेशराज
नया साल लेके आए
नया साल लेके आए
Dr fauzia Naseem shad
हवाओं का मिज़ाज जो पहले था वही रहा
हवाओं का मिज़ाज जो पहले था वही रहा
Maroof aalam
जीभ
जीभ
विजय कुमार अग्रवाल
⚜️गुरु और शिक्षक⚜️
⚜️गुरु और शिक्षक⚜️
SPK Sachin Lodhi
बाल दिवस विशेष- बाल कविता - डी के निवातिया
बाल दिवस विशेष- बाल कविता - डी के निवातिया
डी. के. निवातिया
কেণো তুমি অবহেলনা করো
কেণো তুমি অবহেলনা করো
DrLakshman Jha Parimal
जहाँ जिंदगी को सुकून मिले
जहाँ जिंदगी को सुकून मिले
Ranjeet kumar patre
कैसा क़हर है क़ुदरत
कैसा क़हर है क़ुदरत
Atul "Krishn"
क्या चाहती हूं मैं जिंदगी से
क्या चाहती हूं मैं जिंदगी से
Harminder Kaur
ईर्ष्या
ईर्ष्या
नूरफातिमा खातून नूरी
#सनातन_सत्य
#सनातन_सत्य
*Author प्रणय प्रभात*
💐प्रेम कौतुक-324💐
💐प्रेम कौतुक-324💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
1
1
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
ना कहीं के हैं हम - ना कहीं के हैं हम
ना कहीं के हैं हम - ना कहीं के हैं हम
Basant Bhagawan Roy
*फिर से जागे अग्रसेन का, अग्रोहा का सपना (मुक्तक)*
*फिर से जागे अग्रसेन का, अग्रोहा का सपना (मुक्तक)*
Ravi Prakash
आखिरी उम्मीद
आखिरी उम्मीद
Surya Barman
दोहा पंचक. . . क्रोध
दोहा पंचक. . . क्रोध
sushil sarna
"रंगमंच पर"
Dr. Kishan tandon kranti
कुछ बहुएँ ससुराल में
कुछ बहुएँ ससुराल में
Artist Sudhir Singh (सुधीरा)
Almost everyone regard this world as a battlefield and this
Almost everyone regard this world as a battlefield and this
Sukoon
हिंदुस्तानी है हम सारे
हिंदुस्तानी है हम सारे
Manjhii Masti
चंदा तुम मेरे घर आना
चंदा तुम मेरे घर आना
नंदलाल सिंह 'कांतिपति'
ख़्वाब सजाना नहीं है।
ख़्वाब सजाना नहीं है।
Anil "Aadarsh"
कभी अपनेे दर्दो-ग़म, कभी उनके दर्दो-ग़म-
कभी अपनेे दर्दो-ग़म, कभी उनके दर्दो-ग़म-
Shreedhar
" मेरे प्यारे बच्चे "
Dr Meenu Poonia
ना जाने क्यों तुम,
ना जाने क्यों तुम,
Dr. Man Mohan Krishna
Loading...