Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
20 Dec 2017 · 1 min read

“पिरामिड”

“पिरामिड”

हैं
दीप
माटी के
कलाकारी
चलता चाक
शुभ दीपावली
गर्व प्रकाश पर्व॥-1
ये
तेल
रोशनी
दिया बाती
सखा संगाती
मलाई मिठाई
रंगोली सुंदर है॥-2

महातम मिश्र, गौतम गोरखपुरी

Language: Hindi
438 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
*धाम अयोध्या का करूॅं, सदा हृदय से ध्यान (नौ दोहे)*
*धाम अयोध्या का करूॅं, सदा हृदय से ध्यान (नौ दोहे)*
Ravi Prakash
रिश्तो की कच्ची डोर
रिश्तो की कच्ची डोर
Harminder Kaur
💐अज्ञात के प्रति-63💐
💐अज्ञात के प्रति-63💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
महायज्ञ।
महायज्ञ।
Acharya Rama Nand Mandal
Pahado ke chadar se lipti hai meri muhabbat
Pahado ke chadar se lipti hai meri muhabbat
Sakshi Tripathi
23/123.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
23/123.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
“ जीने का अंदाज़ “
“ जीने का अंदाज़ “
DrLakshman Jha Parimal
चिड़िया
चिड़िया
Dr. Pradeep Kumar Sharma
मां के आँचल में
मां के आँचल में
Satish Srijan
गर्मी की छुट्टियां
गर्मी की छुट्टियां
Manu Vashistha
दोहे-
दोहे-
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
है हिन्दी उत्पत्ति की,
है हिन्दी उत्पत्ति की,
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
नारी
नारी
नन्दलाल सुथार "राही"
ना जमीं रखता हूॅ॑ ना आसमान रखता हूॅ॑
ना जमीं रखता हूॅ॑ ना आसमान रखता हूॅ॑
VINOD CHAUHAN
" वाई फाई में बसी सबकी जान "
Dr Meenu Poonia
हमारी मूर्खता ही हमे ज्ञान की ओर अग्रसर करती है।
हमारी मूर्खता ही हमे ज्ञान की ओर अग्रसर करती है।
शक्ति राव मणि
जग के जीवनदाता के प्रति
जग के जीवनदाता के प्रति
महेश चन्द्र त्रिपाठी
#क्षणिका-
#क्षणिका-
*Author प्रणय प्रभात*
रातों की सियाही से रंगीन नहीं कर
रातों की सियाही से रंगीन नहीं कर
Shweta Soni
I love to vanish like that shooting star.
I love to vanish like that shooting star.
Manisha Manjari
लज्जा
लज्जा
Shekhar Chandra Mitra
फ़र्क़ यह नहीं पड़ता
फ़र्क़ यह नहीं पड़ता
Anand Kumar
अपना...❤❤❤
अपना...❤❤❤
Vishal babu (vishu)
रात के सितारे
रात के सितारे
Neeraj Agarwal
ठहर गया
ठहर गया
sushil sarna
Good morning 🌅🌄
Good morning 🌅🌄
Sanjay ' शून्य'
वक्त को कौन बांध सका है
वक्त को कौन बांध सका है
Surinder blackpen
जीवन के अंतिम पड़ाव पर लोककवि रामचरन गुप्त द्वारा लिखी गयीं लघुकथाएं
जीवन के अंतिम पड़ाव पर लोककवि रामचरन गुप्त द्वारा लिखी गयीं लघुकथाएं
कवि रमेशराज
Today's Thought
Today's Thought
DR ARUN KUMAR SHASTRI
"ऐसा मंजर होगा"
पंकज कुमार कर्ण
Loading...