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3 Aug 2019 · 1 min read

पिया की आस (तीज दोहे)

कर सोलह सिंगार अब, लगी पिया की आस।
अंखियां पथराने लगीं, बैठी रही उदास।।

पिया हैं व्यस्त काम में, हरियाली का तीज।
क्रोध है आसमान पर, उतरेगी अब खीज।।

बहुत देर में जब हुआ, प्रियतम का दीदार।
बाहों में कुछ देर को, सिमट गया संसार।।

माला उसके नाम की, जपती उसका नाम।
उसकी राधा मैं बनी, वो मेरा घनश्याम।।

© अरशद रसूल

Language: Hindi
6 Likes · 8 Comments · 1775 Views
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