Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
26 Jun 2020 · 1 min read

” पिता “

पिता ……
जिसके दम पर हमने जी भर के मनमानी की
बेहिसाब शैतानी की
जिसने हमें सर पर चढ़ाया
और हमने सर पर चढ़ कर
ये दिखाया कि देखो
हम है बेटी
अपने पिता कि दुलारी थीं
बेटे से भी प्यारी थीं
उनके पास
हमारी हर गलती कि माफ़ी थी
और यही माफ़ी हमें
अपनी गल्तियों का एहसास करने के लिए काफी थी
आज वों नहीं हैं ….
कौन कहता है ???
वों हमारी रगों में हैं
दिखाई देतें हमें सगों में है
जनम दर जनम हम मिलेंगे
ये विश्वास देता हमें राहत है
फिर से बाबू – बाबू कह के पूकारेंगें
यही हमारी चाहत है !!!

स्वरचित एवं मौलिक
( ममता सिंह देवा ,17/6/12 )

Language: Hindi
2 Comments · 381 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Mamta Singh Devaa
View all
You may also like:
#आज_की_चौपाई-
#आज_की_चौपाई-
*Author प्रणय प्रभात*
** लिख रहे हो कथा **
** लिख रहे हो कथा **
surenderpal vaidya
“सभी के काम तुम आओ”
“सभी के काम तुम आओ”
DrLakshman Jha Parimal
मै अकेला न था राह था साथ मे
मै अकेला न था राह था साथ मे
Vindhya Prakash Mishra
*गीत*
*गीत*
Poonam gupta
शुद्ध
शुद्ध
Dr.Priya Soni Khare
आम आदमी की दास्ताँ
आम आदमी की दास्ताँ
Dr. Man Mohan Krishna
"प्यार का सफ़र" (सवैया छंद काव्य)
Pushpraj Anant
एक ठंडी हवा का झोंका है बेटी: राकेश देवडे़ बिरसावादी
एक ठंडी हवा का झोंका है बेटी: राकेश देवडे़ बिरसावादी
ऐ./सी.राकेश देवडे़ बिरसावादी
*नज़्म*
*नज़्म*
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
देख कर उनको
देख कर उनको
हिमांशु Kulshrestha
करवाचौथ
करवाचौथ
Surinder blackpen
ऋतुराज
ऋतुराज
हिमांशु बडोनी (दयानिधि)
भीड से निकलने की
भीड से निकलने की
Harminder Kaur
वृक्ष धरा की धरोहर है
वृक्ष धरा की धरोहर है
Neeraj Agarwal
मुक्तक
मुक्तक
नूरफातिमा खातून नूरी
ले चल साजन
ले चल साजन
Lekh Raj Chauhan
मनमोहन छंद विधान ,उदाहरण एवं विधाएँ
मनमोहन छंद विधान ,उदाहरण एवं विधाएँ
Subhash Singhai
कुछ बात कुछ ख्वाब रहने दे
कुछ बात कुछ ख्वाब रहने दे
डॉ. दीपक मेवाती
आपके आसपास
आपके आसपास
Dr.Rashmi Mishra
23/177.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
23/177.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
"जलाओ दीप घंटा भी बजाओ याद पर रखना
आर.एस. 'प्रीतम'
*सादा जीवन उच्च विचार के धनी : लक्ष्मी नारायण अग्रवाल बाबा*
*सादा जीवन उच्च विचार के धनी : लक्ष्मी नारायण अग्रवाल बाबा*
Ravi Prakash
मुझे भी
मुझे भी "याद" रखना,, जब लिखो "तारीफ " वफ़ा की.
Ranjeet kumar patre
जिन्दगी
जिन्दगी
Bodhisatva kastooriya
अगर मेरे अस्तित्व को कविता का नाम दूँ,  तो इस कविता के भावार
अगर मेरे अस्तित्व को कविता का नाम दूँ, तो इस कविता के भावार
Sukoon
फिर दिल मेरा बेचैन न हो,
फिर दिल मेरा बेचैन न हो,
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
An Evening
An Evening
goutam shaw
" लहर लहर लहराई तिरंगा "
Chunnu Lal Gupta
वाह ग़ालिब तेरे इश्क के फतवे भी कमाल है
वाह ग़ालिब तेरे इश्क के फतवे भी कमाल है
Vishal babu (vishu)
Loading...