Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
18 Jun 2017 · 1 min read

पिता

पिता के चरणो में यह शीश नमन,
करता हूँ बार बार उनका वंदन,
धरा का ऊंचा दरख़्त हैं पिता,
परिवार का आधार स्तंभ हैं पिता,
हर कठिनाइयों की ढाल हैं पिता,
हर खुशी की आहट हैं पिता,
हमारे लिए पालते जमाने की चिंता,
उनकी ही गोद में बचपन बीता,
उंगली पकड़कर सिखाया चलना,
हमारे लिए बहाया खून पसीना,
हमारे लिए हो प्रथम पूज्य गुरु,
यह जीवन हुआ आपसे शुरू,
चंदन हैं आपके चरणों की रज ,
आपने पुत्र हेतु दिए सारे सुख तज,
नमन ।।नमन।।नमन।।
वंदन।। वंदन।।वंदन।।
।।जेपीएल।।

Language: Hindi
213 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from जगदीश लववंशी
View all
You may also like:
वक्त गिरवी सा पड़ा है जिंदगी ( नवगीत)
वक्त गिरवी सा पड़ा है जिंदगी ( नवगीत)
Rakmish Sultanpuri
शेर
शेर
Monika Verma
क्रिसमस दिन भावे 🥀🙏
क्रिसमस दिन भावे 🥀🙏
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
जो पहले ही कदमो में लडखडा जाये
जो पहले ही कदमो में लडखडा जाये
Swami Ganganiya
😊😊
😊😊
*Author प्रणय प्रभात*
शुभ प्रभात मित्रो !
शुभ प्रभात मित्रो !
Mahesh Jain 'Jyoti'
दर्द आँखों में आँसू  बनने  की बजाय
दर्द आँखों में आँसू बनने की बजाय
शिव प्रताप लोधी
तुम भी पत्थर
तुम भी पत्थर
shabina. Naaz
उन से कहना था
उन से कहना था
हिमांशु Kulshrestha
पतझड़ तेरी वंदना, तेरी जय-जयकार(कुंडलिया)
पतझड़ तेरी वंदना, तेरी जय-जयकार(कुंडलिया)
Ravi Prakash
रेत समुद्र ही रेगिस्तान है और सही राजस्थान यही है।
रेत समुद्र ही रेगिस्तान है और सही राजस्थान यही है।
प्रेमदास वसु सुरेखा
परिवर्तन
परिवर्तन
RAKESH RAKESH
भले ई फूल बा करिया
भले ई फूल बा करिया
आकाश महेशपुरी
माँ बहन बेटी के मांनिद
माँ बहन बेटी के मांनिद
Satish Srijan
प्रबुद्ध कौन?
प्रबुद्ध कौन?
Sanjay ' शून्य'
पलकों से रुसवा हुए, उल्फत के सब ख्वाब ।
पलकों से रुसवा हुए, उल्फत के सब ख्वाब ।
sushil sarna
कितने इश्क़❤️🇮🇳 लिख गये, कितने इश्क़ सिखा गये,
कितने इश्क़❤️🇮🇳 लिख गये, कितने इश्क़ सिखा गये,
Shakil Alam
मुक्तक
मुक्तक
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
डॉ अरुण कुमार शास्त्री
डॉ अरुण कुमार शास्त्री
DR ARUN KUMAR SHASTRI
मैं कुछ इस तरह
मैं कुछ इस तरह
Dr Manju Saini
पिताश्री
पिताश्री
Bodhisatva kastooriya
तेरी दुनिया में
तेरी दुनिया में
Dr fauzia Naseem shad
ये 'लोग' हैं!
ये 'लोग' हैं!
Srishty Bansal
*तिरंगा मेरे  देश की है शान दोस्तों*
*तिरंगा मेरे देश की है शान दोस्तों*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
चन्द्रयान-3
चन्द्रयान-3
कार्तिक नितिन शर्मा
रससिद्धान्त मूलतः अर्थसिद्धान्त पर आधारित
रससिद्धान्त मूलतः अर्थसिद्धान्त पर आधारित
कवि रमेशराज
वोट दिया किसी और को,
वोट दिया किसी और को,
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
तुम घर से मत निकलना - दीपक नीलपदम्
तुम घर से मत निकलना - दीपक नीलपदम्
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
पहुँचाया है चाँद पर, सफ़ल हो गया यान
पहुँचाया है चाँद पर, सफ़ल हो गया यान
Dr Archana Gupta
मैं ज़िंदगी भर तलाशती रही,
मैं ज़िंदगी भर तलाशती रही,
लक्ष्मी सिंह
Loading...