Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
18 Jun 2017 · 1 min read

“पिता”

“पिता”
आँगन की फुलवारी हरदम
लहू दे सींचते हैं जो,
दु:ख हरते पोषण करते
सबल सशक्त पिता हैं वो।

प्रसव समय दे मातु सहारा
परिवार का आधार बने ,
रोटी कपड़ा मकान देकर
अनंत प्यार सुखधार बने।

अँगुली थाम चलना सिखाया
गिरा ज़मीं गोद उठाया ,
संस्कारों का पाठ पढ़ा कर
अनुशासन हमें बताया।

दाखिले के लिए जो दौड़े
भरी दुपहरी खड़े रहे ,
शुल्क जमा की चैन बेचकर
सपन सँजोए अड़े रहे।

जब लायक संतान बनी तो
घर,-आँगन खुशियाँ छाईं,
भीगी पलकें बेटी देकर
पर बेटी बहू बनाई।

पिता का धैर्य महादान है
नाम जिसका पहचान है,
औलाद जिसका अभिमान है
जीवन दाता महान है।

डॉ. रजनी अग्रवाल “वाग्देवी रत्ना”
संपादिका-साहित्य धरोहर
महमूरगंज, वाराणसी (मो.-9839664017)

Language: Hindi
1 Like · 312 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना'
View all
You may also like:
मत गुजरा करो शहर की पगडंडियों से बेखौफ
मत गुजरा करो शहर की पगडंडियों से बेखौफ
Damini Narayan Singh
কিছু ভালবাসার গল্প অমর হয়ে রয়
কিছু ভালবাসার গল্প অমর হয়ে রয়
Sakhawat Jisan
धर्म के रचैया श्याम,नाग के नथैया श्याम
धर्म के रचैया श्याम,नाग के नथैया श्याम
कृष्णकांत गुर्जर
देव्यपराधक्षमापन स्तोत्रम
देव्यपराधक्षमापन स्तोत्रम
पंकज प्रियम
दोहे
दोहे
अशोक कुमार ढोरिया
गाँव की याद
गाँव की याद
Rajdeep Singh Inda
बदनाम होने के लिए
बदनाम होने के लिए
Shivkumar Bilagrami
!!! सदा रखें मन प्रसन्न !!!
!!! सदा रखें मन प्रसन्न !!!
जगदीश लववंशी
3320.⚘ *पूर्णिका* ⚘
3320.⚘ *पूर्णिका* ⚘
Dr.Khedu Bharti
मुक्तक-
मुक्तक-
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
*तुम्हारे हाथ में है कर्म,फलदाता विधाता है【मुक्तक】*
*तुम्हारे हाथ में है कर्म,फलदाता विधाता है【मुक्तक】*
Ravi Prakash
चुनाव का मौसम
चुनाव का मौसम
Dr. Pradeep Kumar Sharma
संदेश बिन विधा
संदेश बिन विधा
Mahender Singh
किसका  हम शुक्रिया करें,
किसका हम शुक्रिया करें,
sushil sarna
लक्ष्मी
लक्ष्मी
Bodhisatva kastooriya
विश्वकर्मा जयंती उत्सव की सभी को हार्दिक बधाई
विश्वकर्मा जयंती उत्सव की सभी को हार्दिक बधाई
Harminder Kaur
हीरा जनम गंवाएगा
हीरा जनम गंवाएगा
Shekhar Chandra Mitra
FORGIVE US (Lamentations of an ardent lover of nature over the pitiable plight of “Saranda” Forest.)
FORGIVE US (Lamentations of an ardent lover of nature over the pitiable plight of “Saranda” Forest.)
Awadhesh Kumar Singh
जादू था या तिलिस्म था तेरी निगाह में,
जादू था या तिलिस्म था तेरी निगाह में,
Shweta Soni
प्रतिध्वनि
प्रतिध्वनि
Er. Sanjay Shrivastava
"नवाखानी"
Dr. Kishan tandon kranti
“ मैथिल क जादुई तावीज़ “ (संस्मरण )
“ मैथिल क जादुई तावीज़ “ (संस्मरण )
DrLakshman Jha Parimal
ना प्रेम मिल सका ना दोस्ती मुकम्मल हुई...
ना प्रेम मिल सका ना दोस्ती मुकम्मल हुई...
Keshav kishor Kumar
हर लम्हे में
हर लम्हे में
Sangeeta Beniwal
घिन लागे उल्टी करे, ठीक न होवे पित्त
घिन लागे उल्टी करे, ठीक न होवे पित्त
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
Ek ladki udas hoti hai
Ek ladki udas hoti hai
Sakshi Tripathi
घर एक मंदिर🌷🙏
घर एक मंदिर🌷🙏
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
करम
करम
Fuzail Sardhanvi
हम उन्हें कितना भी मनाले
हम उन्हें कितना भी मनाले
The_dk_poetry
■ आलेख
■ आलेख
*Author प्रणय प्रभात*
Loading...