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30 Jun 2018 · 1 min read

पिता जी से पाया है

?पिता जी से ही पाया है?️

पिताजी का जो हाथ ही तो बरगद की छाया है,,
पिताजी के तन की ताकत से बनी ये काया है,,

पिताजी के पसीने से महकता ये बदन चंदन सा,,
पिताजी से नाम रुतबा रोटी कपड़ा धन माया है,,

पिताजी ही तो वो है जो जीवन का मूलता है मेरे,,
पिताजी ही बेटे मैं इस दुनिया के सारे रंग लाया है,,

पिताजी के तुल्य कोई क्या समतुल्य नही कोई है,,
पिताजी का इकलौता जहां मेरे हिस्से मैं आया है,,

पिताजी की सलामती सहमती से उन्नत है आंगन,,
पिताजी की मेहनत रहमत मनु ये मकाम पाया है,,
मानक लाल मनु✍️??

Language: Hindi
277 Views
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