Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
28 Jul 2018 · 1 min read

पावस /बरसात /बारिश

छम-छम बारिश ने किया, पावस का आगाज।
हवा सुहानी बह रही, झूम रहे वनराज।। १

वर्षा आई झूम कर, प्रकृति भाव विभोर।
बूँद-बूँद जादू भरा, मौसम है चितचोर।। २

वर्षा की हर बूँद में, सुन्दर सुखद मिठास।
आज सखी पूरी हुई, मेरे मन की आस।। ३

वर्षा रानी आ गई, कर सोलह श्रृंगार।
उसके आने से मगन,ये पूरा संसार।। ४

वर्षा की ध्वनि हृदय में ,भर देती है प्रीत।
प्रणयातुर शत कीट खग, गाते मंगल गीत।। ५

नीले अम्बर में घटा,जब छाई घनधोर।
पंख खोलकर नाचता, तब जंगल में मोर।।६

खुश होती बरसात जब,करें कई उपकार।
क्रोधित हो जाये अगर, करती सब संहार।। ७

कहो सखी किससे कहें, अपने मन की पीर।
पिया बिना बरसात में, बहे नयन से नीर।। ८

मेध बहुत मन के गगन, मगन मयूरी नाच।
दर्द दबा कर कंठ में,सह पीड़ा की आँच।। ९

-लक्ष्मी सिंह ? ☺

1 Like · 331 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from लक्ष्मी सिंह
View all
You may also like:
आंसुओं के समंदर
आंसुओं के समंदर
अरशद रसूल बदायूंनी
मेरे हृदय ने पूछा तुम कौन हो ?
मेरे हृदय ने पूछा तुम कौन हो ?
Manju sagar
Pyari dosti
Pyari dosti
Samar babu
जिंदगी के तराने
जिंदगी के तराने
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
छुट्टी का इतवार( बाल कविता )
छुट्टी का इतवार( बाल कविता )
Ravi Prakash
यदि तुम करोड़पति बनने का ख्वाब देखते हो तो तुम्हे इसके लिए स
यदि तुम करोड़पति बनने का ख्वाब देखते हो तो तुम्हे इसके लिए स
Rj Anand Prajapati
"चुनौतियाँ"
Dr. Kishan tandon kranti
अपनी अपनी सोच
अपनी अपनी सोच
डॉ विजय कुमार कन्नौजे
पुनर्वास
पुनर्वास
Dr. Pradeep Kumar Sharma
अश्क तन्हाई उदासी रह गई - संदीप ठाकुर
अश्क तन्हाई उदासी रह गई - संदीप ठाकुर
Sandeep Thakur
चुनावी वादा
चुनावी वादा
नंदलाल सिंह 'कांतिपति'
किस बात का गुरुर हैं,जनाब
किस बात का गुरुर हैं,जनाब
शेखर सिंह
अहिल्या
अहिल्या
अनूप अम्बर
18)”योद्धा”
18)”योद्धा”
Sapna Arora
चोट ना पहुँचे अधिक,  जो वाक़ि'आ हो
चोट ना पहुँचे अधिक, जो वाक़ि'आ हो
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
बाल कविता: मदारी का खेल
बाल कविता: मदारी का खेल
Rajesh Kumar Arjun
2736. *पूर्णिका*
2736. *पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
चाय ही पी लेते हैं
चाय ही पी लेते हैं
Ghanshyam Poddar
जरूरी नहीं जिसका चेहरा खूबसूरत हो
जरूरी नहीं जिसका चेहरा खूबसूरत हो
Ranjeet kumar patre
होली पर
होली पर
Dr.Pratibha Prakash
बाढ़ और इंसान।
बाढ़ और इंसान।
Buddha Prakash
सदा सदाबहार हिंदी
सदा सदाबहार हिंदी
goutam shaw
हिन्दी दोहा बिषय-जगत
हिन्दी दोहा बिषय-जगत
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
विचार , हिंदी शायरी
विचार , हिंदी शायरी
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
महीना ख़त्म यानी अब मुझे तनख़्वाह मिलनी है
महीना ख़त्म यानी अब मुझे तनख़्वाह मिलनी है
Johnny Ahmed 'क़ैस'
■ आज का शेर
■ आज का शेर
*Author प्रणय प्रभात*
माँ का घर
माँ का घर
Pratibha Pandey
#संवाद (#नेपाली_लघुकथा)
#संवाद (#नेपाली_लघुकथा)
Dinesh Yadav (दिनेश यादव)
********* हो गया चाँद बासी ********
********* हो गया चाँद बासी ********
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
प्यार इस कदर है तुमसे बतायें कैसें।
प्यार इस कदर है तुमसे बतायें कैसें।
Yogendra Chaturwedi
Loading...