Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
13 Jul 2017 · 1 min read

पावस पर

वर्षा की शाम सुहानी बादल से पूरित नील गगन
विस्तीर्ण शून्य मे कई कृति बनती रहती हर पन
कभी इंद्रधनु कभी सागर सी लहरो से मुदित रहा बचपन
कल्पना के अश्व दिखे है गर्जन चपला जैसे हो पूरा रन
यह देख कृति ईश्वर की उसकी छन छन बूदो से
सब ताप है मिट जाता जब जब बरसा करता है घन
हे श्रेष्ठ लीला को देख खुशी नर्तन करता है मन
पावस पर विशेष
विन्ध्यप्रकाश मिश्र

Language: Hindi
702 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
उफ़ तेरी ये अदायें सितम ढा रही है।
उफ़ तेरी ये अदायें सितम ढा रही है।
Phool gufran
हर घर में नहीं आती लक्ष्मी
हर घर में नहीं आती लक्ष्मी
कवि रमेशराज
शिव की महिमा
शिव की महिमा
Praveen Sain
*गैरों सी! रह गई है यादें*
*गैरों सी! रह गई है यादें*
Harminder Kaur
छोटी सी बात
छोटी सी बात
Kanchan Khanna
बेवफाई उसकी दिल,से मिटा के आया हूँ।
बेवफाई उसकी दिल,से मिटा के आया हूँ।
पूर्वार्थ
कृपा करें त्रिपुरारी
कृपा करें त्रिपुरारी
Satish Srijan
वह फिर से छोड़ गया है मुझे.....जिसने किसी और      को छोड़कर
वह फिर से छोड़ गया है मुझे.....जिसने किसी और को छोड़कर
Rakesh Singh
मार्केटिंग फंडा
मार्केटिंग फंडा
Dr. Pradeep Kumar Sharma
"तस्वीर"
Dr. Kishan tandon kranti
💐अज्ञात के प्रति-73💐
💐अज्ञात के प्रति-73💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
मेहनत
मेहनत
Anoop Kumar Mayank
2489.पूर्णिका
2489.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
मासुमियत - बेटी हूँ मैं।
मासुमियत - बेटी हूँ मैं।
ऐ./सी.राकेश देवडे़ बिरसावादी
■ सोचो, विचारो और फिर निष्कर्ष निकालो। हो सकता है अपनी मूर्ख
■ सोचो, विचारो और फिर निष्कर्ष निकालो। हो सकता है अपनी मूर्ख
*Author प्रणय प्रभात*
एक तिरंगा मुझको ला दो
एक तिरंगा मुझको ला दो
लक्ष्मी सिंह
मुझे याद आता है मेरा गांव
मुझे याद आता है मेरा गांव
Adarsh Awasthi
हम उलझते रहे हिंदू , मुस्लिम की पहचान में
हम उलझते रहे हिंदू , मुस्लिम की पहचान में
श्याम सिंह बिष्ट
सच तो रोशनी का आना हैं
सच तो रोशनी का आना हैं
Neeraj Agarwal
कामयाब लोग,
कामयाब लोग,
नेताम आर सी
*अहंकार*
*अहंकार*
DR ARUN KUMAR SHASTRI
तीर'गी  तू  बता  रौशनी  कौन है ।
तीर'गी तू बता रौशनी कौन है ।
Neelam Sharma
 मैं गोलोक का वासी कृष्ण
 मैं गोलोक का वासी कृष्ण
Pooja Singh
छन-छन के आ रही है जो बर्गे-शजर से धूप
छन-छन के आ रही है जो बर्गे-शजर से धूप
Sarfaraz Ahmed Aasee
थोथा चना
थोथा चना
Dr MusafiR BaithA
बुझा दीपक जलाया जा रहा है
बुझा दीपक जलाया जा रहा है
कृष्णकांत गुर्जर
"ज्ञ " से ज्ञानी हम बन जाते हैं
Ghanshyam Poddar
जो बैठा है मन के अंदर उस रावण को मारो ना
जो बैठा है मन के अंदर उस रावण को मारो ना
VINOD CHAUHAN
यह दुनिया भी बदल डालें
यह दुनिया भी बदल डालें
Dr fauzia Naseem shad
लोगों को सफलता मिलने पर खुशी मनाना जितना महत्वपूर्ण लगता है,
लोगों को सफलता मिलने पर खुशी मनाना जितना महत्वपूर्ण लगता है,
Paras Nath Jha
Loading...