पावन दिवस ***अक्षय तृतीया__ कविता
“”पावन दिवस *** अक्षय तृतीया””
शास्त्र पुराणों को माने, पावन दिवस यह पहचाने।
आई धरा पर भागीरथी और परशुराम जी को जाने।।
जाते कोई गंगा नहाने पाप त्याग कर पुण्य कमाने।।
नाम ही अक्षय, कभी न क्षय हो,आखा तीज भी कहते है।
भंडार भरती मां अन्नपूर्णा,विद्वजन भी यहीं कहते है।।
सम्मान करो कुछ दान करो, निर्धन के भी लाने।। (लाने– लिए)
सुख शांति के लिए, धरा पे,श्री परशुराम जी आए।
आज जरूरत पुनः आपकी,आकर सबको बचाए।।
रोग अदृश्य आया छाया है, आओ संताप मिटाने।।
*जय श्री परशुराम भगवान””
अक्षय तृतीया की आप सभी को शुभकामनाएं।
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राजेश व्यास अनुनय