Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
23 May 2021 · 1 min read

पावन छंद “सावन छटा”

(पावन छंद)

सावन जब उमड़े, धरणी हरित है।
वारिद बरसत है, उफने सरित है।।
चातक नभ तकते, खग आस युत हैं।
मेघ कृषक लख के, हरषे बहुत हैं।।

घोर सकल तन में, घबराहट रचा।
है विकल सजनिया, पिय की रट मचा।।
देख हृदय जलता, जुगनू चमकते।
तारक अब लगते, मुझको दहकते।।

बारिस जब तन पे, टपकै सिहरती।
अंबर लख छत पे, बस आह भरती।।
बाग लगत उजड़े, चुपचाप खग हैं।
आवन घर उन के, सुनसान मग हैं।।

क्यों उमड़ घुमड़ के, घन व्याकुल करो।
आ झटपट बरसो, विरहा सब हरो।।
हे प्रियतम लख लो, तन का लरजना।
आ कर तुम सुध लो, बन मेघ सजना।।
===================
पावन छंद लक्षण छंद:-

“भानजुजस” वरणी, यति आठ सपते।
‘पावन’ यह मधुरा, सब छंद जपते।।

“भानजुजस” = भगण नगण जगण जगण सगण
यति आठ सपते = यति आठ और सात वर्ण पे।

211 111 121 121 112 = 15 वर्ण,यति 8,7
चार चरण दो दो समतुकांत।
************************
बासुदेव अग्रवाल ‘नमन’
तिनसुकिया

2 Likes · 4 Comments · 357 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
ज़िंदगी कब उदास करती है
ज़िंदगी कब उदास करती है
Dr fauzia Naseem shad
जलजला
जलजला
Satish Srijan
*कोयल की कूक (बाल कविता)*
*कोयल की कूक (बाल कविता)*
Ravi Prakash
ताश के महल अब हम बनाते नहीं
ताश के महल अब हम बनाते नहीं
Er. Sanjay Shrivastava
अस्तित्व की पहचान
अस्तित्व की पहचान
Kanchan Khanna
अचानक जब कभी मुझको हाँ तेरी याद आती है
अचानक जब कभी मुझको हाँ तेरी याद आती है
Johnny Ahmed 'क़ैस'
जब मित्र बने हो यहाँ तो सब लोगों से खुलके जुड़ना सीख लो
जब मित्र बने हो यहाँ तो सब लोगों से खुलके जुड़ना सीख लो
DrLakshman Jha Parimal
इश्क़ के समंदर में
इश्क़ के समंदर में
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
नाम दोहराएंगे
नाम दोहराएंगे
Dr.Priya Soni Khare
साथ अगर उनका होता
साथ अगर उनका होता
gurudeenverma198
"अटल सत्य"
Dr. Kishan tandon kranti
वर्ण पिरामिड
वर्ण पिरामिड
Neelam Sharma
बिन बोले ही  प्यार में,
बिन बोले ही प्यार में,
sushil sarna
बेहतर और बेहतर होते जाए
बेहतर और बेहतर होते जाए
Vaishaligoel
राम सिया की होली देख, अवध में हनुमंत लगे हर्षांने।
राम सिया की होली देख, अवध में हनुमंत लगे हर्षांने।
राकेश चौरसिया
जब किसी कार्य के लिए कदम आगे बढ़ाने से पूर्व ही आप अपने पक्ष
जब किसी कार्य के लिए कदम आगे बढ़ाने से पूर्व ही आप अपने पक्ष
Paras Nath Jha
वो आये और देख कर जाने लगे
वो आये और देख कर जाने लगे
Surinder blackpen
खुद का वजूद मिटाना पड़ता है
खुद का वजूद मिटाना पड़ता है
कवि दीपक बवेजा
नाथ मुझे अपनाइए,तुम ही प्राण आधार
नाथ मुझे अपनाइए,तुम ही प्राण आधार
कृष्णकांत गुर्जर
प्रार्थना
प्रार्थना
लक्ष्मी वर्मा प्रतीक्षा
"बोलती आँखें"
पंकज कुमार कर्ण
💐प्रेम कौतुक-333💐
💐प्रेम कौतुक-333💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
"रिश्ता" ग़ज़ल
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
बेटी को मत मारो 🙏
बेटी को मत मारो 🙏
Samar babu
अदरक वाला स्वाद
अदरक वाला स्वाद
दुष्यन्त 'बाबा'
आप सभी को रामनवमी की हार्दिक शुभकामनाएं
आप सभी को रामनवमी की हार्दिक शुभकामनाएं
लोकेश शर्मा 'अवस्थी'
डॉ अरुण कुमार शास्त्री
डॉ अरुण कुमार शास्त्री
DR ARUN KUMAR SHASTRI
शायरी
शायरी
goutam shaw
2692.*पूर्णिका*
2692.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
#लिख_के_रख_लो।
#लिख_के_रख_लो।
*Author प्रणय प्रभात*
Loading...